एक तरफ पटना में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मुलाकात तथा वहां आयोजित प्रेस कांफ्रेंस द्वारा भाजपा मुक्त भारत का नारा देने एवं नीतीश कुमार द्वारा अब राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय होने के राजनीतिक संकेत मिले हैं तो वहीं दूसरी ओर पश्चिमी बंगाल में दीदी यानी ममता बेनर्जी और दादा यानी सौरव गांगुली के एक मंच पर आने की चर्चा राजनीतिक गलियारों में है। जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिना नाम लिए नीतीश, केसीआर और तेजस्वी यादव पर प्रहार किया तो उसी लहजे में नीतीश कुमार ने भी जवाब दे दिया है। नीतीश कुमार अब बिहार से निकल कर राष्ट्रीय राजनीति करने का इरादा व्यक्त कर चुके हैं और उनका मानना है कि वे विपक्ष की एकता के लिए काम करेंगे। ममता द्वारा हाल ही में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की प्रशंसा करने से विपक्षी खेमे में उनकी राजनीति को लेकर अटकलें लगाई जाने लगी हैं कि कहीं ममता अंततः भाजपा की ओर तो नहीं झुक जायेंगी। दुर्गा पूजा रैली का आगाज कर जहां ममता ने बहुसंख्यक जनमानस को संदेश देने की कोशिश की तो वहीं दीदी के निमंत्रण पर रैली में शामिल हुए दादा सौरव गांगुली भी चर्चा के केन्द्र में रहे। सौरव गांगुली के घर एक बार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी जा चुके हैं तो अब ममता के साथ दादा की नजदीकी के अर्थ खोजे जा रहे हैं। पश्चिमी बंगाल में दुर्गा पूजा का अपना विशेष महत्व है। दुर्गा पूजा शुरू होने में अभी करीब एक माह का वक्त है लेकिन उससे पहले ही 1 सितम्बर को कोलकाता सहित पूरा बंगाल पूजा के जश्न में डूबा हुआ नजर आया। कोलकाता की विश्व प्रसिद्ध दुर्गा पूजा को यूनेस्को द्वारा पिछले वर्ष दिसम्बर में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किए जाने पर धन्यवाद ज्ञापित किए जाने की खुशी में ममता सरकार द्वारा पूरे राज्य भर में पदयात्रा व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए जश्न मनाया गया। भाजपा का मुख्य आरोप ममता बनर्जी पर अल्पसंख्यक परस्त राजनीति करने और बहुसंख्यकों की उपेक्षा का रहा है। ऐसा लगता है इस प्रकार का आयोजन ममता की इस छवि को उभारना है कि वह दुर्गा पूजा को भी पूरा महत्व व सम्मान देती हैं। कड़ी सुरक्षा के बीच ममता की अगुवाई में कोलकाता में विशाल पदयात्रा निकाली गयी जिसमें जन-सैलाब उमड़ा तथा राज्य के कई सांसदों, मंत्रियों व विधायकों के साथ अन्य नेता मौजूद रहे। यूनेस्को के प्रतिनिधि को ममता ने दुर्गा प्रतिमा भी भेंट की तथा यूनेस्को की सूची में शामिल करने के लिए धन्यवाद दिया। ममता ने यह रेखांकित किया कि दुर्गा पूजा पर 40 हजार करोड़ का व्यापार राज्य में होता है, इस दौरान हर वर्ग व जाति के लोगों का कारोबार होता है। ममता ने यह भी कहा कि दुर्गोत्सव की शुरुआत हो गई है आनंद से रहें और उदार दिल बनें। उदार दिल बनने का इशारा उन्होंने किसकी ओर किया है यह सभी समझ गए हैं और जो न समझे उनको अनाड़ी ही माना जायेगा। इस आयोजन में बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली की उपस्थिति भी महत्वपूर्ण थी। उन्होंने ममता बेनर्जी को अंगवस्त्र पहना कर सम्मानित भी किया। ममता के भतीजे तथा तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बेनर्जी से 2 सितम्बर को कोयला तस्करी के मामले में करीब सात घंटे तक पूछताछ हुई। बेनर्जी ने पूछताछ के बाद सीधे-सीधे केंद्रीय गृहमंत्री एवं केन्द्र सरकार को निशाने पर लेते हुए आरोप लगाया कि कोयला तस्करी और पशु तस्करी सब कुछ केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन हुआ है इसलिए इसे गृहमंत्री का घोटाला कहना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने टीएमसी छोड़कर भाजपा में जाने वाले और विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आठ माह पहले वे विनय मिश्रा के संपर्क में थे। कोयला तस्करी मामले के मुख्य आरोपी विनय मिश्रा से फोन पर शुभेन्दु अधिकारी ने बातचीत की है जो कि फिलहाल फरार है। अधिकारी ने फोन पर विनय मिश्रा से कहा कि वह कोयला तस्करी मामले में देख लेंगे। अभिषेक का कहना है कि उनके पास इसका आडियो प्रमाण भी है और अगर हिम्मत है तो शुभेंदु इसे कोर्ट में गलत साबित करें। इस प्रकार आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति कितना परवान और चढ़ेगी यह आने वाले समय में देखने की बात होगी।
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