इंसान के जीवन में उसकी चाहत इतनी महत्वपूर्ण है जो उसके जीवन को निखार सकती है या गलत चाहत बर्बाद कर सकती हैं, जीवन में जीने के अंदाज को व्यक्तित्व देने में या विमुख करने में महत्वपूर्ण रोल अदा कर सकती है। चाहत में जब पवित्रता हो तो सार्थक जीवन होता है और चाहत में जब स्वार्थ हो तो वह दोस्तों के साथ भी दगा करना सिखा देता है। चाहत के कई प्रकार होते हैं और अलग-अलग विषय होते हैं। यहां मैं बात कर रहा हूं स्त्री और पुरुष की मित्रता की। कई व्यक्ति किसी भी स्त्री और पुरुष की मित्रता को घृणित दृष्टि से देखते हैं यह देखने वाले का नजरिया होता है जो जैसा होता है वैसा देखकर सोच बना लेता है, स्वच्छंद दृष्टि और निषकपट वाले स्त्री पुरुष की मित्रता को श्री कृष्ण और राधा की दृष्टि से देखते हैं। जिनकी चाहत में वासना नहीं होगी उनके जीवन में आनंद उल्लास और हौसला अफजाई होगी। और जिनकी चाहत में वासना भरी होगी वह एक तरफ से छल कपट और धोखा होगा और उससे किसी ने किसी एक का नुकसान होगा यहां तक कि कई बार ब्लैक मेलिंग हत्या जैसे घिनोने कृत्य हो जाते हैं। इसलिए किसी से भी संबंध या मित्रता बनाने से पहले यह जांच लें कि वह किस प्रकार की चाहत अपने मन में रखते हैं। और यह बात खास करके नवयुवक और नवयुवती पर लागू होती है कि आपको एक दूसरे से मिलने की दोस्ती की आजादी मिली है पर उस आजादी मैं कोई आपके साथ दगा ना हो जाए।
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