नई दिल्ली । संयुक्त
राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 1267 प्रतिबंध
समिति प्रक्रिया के
तहत दो भारतीय
नागरिकों को आतंकवादी
के रूप में
नामित करने के
पाकिस्तान के प्रयासों
को खारिज कर
दिया, क्योंकि पाकिस्तान
अपने आरोपों को
साबित करने के
लिए प्रयाप्त सबूत
पेश नहीं कर
पाया। पाकिस्तान के
इस प्रयास को
जैश-ए-मोहम्मद
के संस्थापक मसूद
अजहर को 1267 समिति
द्वारा वैश्विक आतंकवादी के
रूप में सूचीबद्ध
करने में भारत
की सफलता के
जवाब के तौर
पर देखा जा
रहा है। हालांकि
इसमें वह नाकाम
रहा। पाकिस्तान ने
2019 में कुल चार
भारतीयों को आतंकवादी
के रूप में
नामित करने के
लिए एक पहल
शुरू की थी।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद
को पड़ोसी देश
लगातार बता रहा
है कि ये
चारो भारतीय नागरिक
कथित रूप से
राज्य प्रायोजित आतंकवाद
में शामिल थे।
पाकिस्तान ने आरोप
लगाया कि ये
सभी अफगानिस्तान-आधारित
समूह का हिस्सा
थे, जिसने तहरीक-ए-तालिबान
पाकिस्तान और जमात-उल-अहरार
द्वारा आतंकवादी हमलों को
संगठित करने में
मदद की। इस
पूरे घटनाक्रम की
जानकारी रखने वाले
व्यक्ति ने नाम
नहीं छपने की
शर्त पर बाताया,
पाकिस्तान ने जिन
दो भारतीयों को
नामित करने के
प्रयास किए उनमें
वेणुमाधव डोंगरा और अजॉय
मिस्त्री का नाम
शामिल है। पाकिस्तान
के इस दावे
को जून-जुलाई
में सुरक्षा परिषद
द्वारा अस्वीकार कर दिया
गया। ऐसा मोटे
तौर पर संयुक्त
राज्य अमेरिका, ब्रिटेन,
फ्रांस और जर्मनी
के प्रयासों के
कारण हुआ। पाकिस्तान
द्वारा गोबिंदा पटनायक और
अंगारा अप्पाजी के रूप
में पहचाने जाने
वाले दो अन्य
भारतीयों को भी
नामित करने के
प्रयास शुरू किए
गए। जिसे अमेरिका,
ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस और
बेल्जियम द्वारा "टेक्निकल होल्ड" के
माध्यम से अवरुद्ध
किया गया था।
इस मामले की
जानकारी रखने वाले
व्यक्ति ने कहा
किये देश चाहते
थए कि पाकिस्तान
अपने आरोपों को
साबित करने सबूत
प्रदान करे। इस
मामले पर चर्चा
के दौरान सुरक्षा
परिषद ने दो
भारतीयों को आतंकवादी
घोषित करने के
पाकिस्तान के प्रयास
को अस्वीकार कर
दिया, क्योंकि पड़ोसी
देश सबूत प्रस्तुत
करने में विफल
रहा। संयुक्त राष्ट्र
में भारत के
स्थायी प्रतिनिधि, टीएस तिरुमूर्ति
ने ट्वीट कर
कहा धार्मिक रंग
देकर 1267 विशेष प्रक्रिया का
राजनीतिकरण करने की
पाकिस्तान की घिनौनी
कोशिश को संयुक्त
राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने
नाकाम कर दिया
है। हम उन
सभी परिषद सदस्यों
को धन्यवाद देते
हैं जिन्होंने पाकिस्तान
की मंशा को
विपल कर दिया।
पाकिस्तान ने हाल
के महीनों में
संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न
निकायों में बार-बार यह
बताने की कोशिश
कि भारत उसकी
धरती पर आतंकवाद
को बढ़ावा दे
रहा है। लेकिन
इसके लिए वह
आज तक कोई
सबूत नहीं दे
पाया है। पाकिस्तान
ने यह भी
गलत दावा किया
कि उसके दूत
ने आतंकवाद पर
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद
की बैठक में
एक बयान दिया
था। लेकिन बाद
में यह गलत
साबित हुआ। पाकिस्तान
ने पिछले दिनों
अफगानिस्तान में काम
कर रहे कुछ
भारतीयों को आतंकवादी
घओषित नामित करने
की मांग की
थी।