नई दिल्ली। मनरेगा के तहत काम के मांग लगातार कम होती जा रही है। सितंबर में करीब 2 करोड़ परिवारों ने मनरेगा के तहत काम के लिए आवेदन किया, जबकि अगस्त में यह संख्या 2.02 करोड़ थी। लगातार चौथे महीने मनरेगा की तहत काम की मांग में कमी आई है। रिपोर्ट्स हैं कि लॉकडाउन के दौरान जो प्रवासी मजदूर अपने घर लौट गए थे, उनमें से कई वापस शहर आ गए हैं।
सरकार ने 20 अप्रैल को लॉकडाउन से जुड़ी पाबंदियों में आंशिक छूट दी थी, जिसके बाद मनरेगा के तहत काम की मांग में पिछले सालों की तुलना में कई गुना तेजी आई थी। अप्रैल के अंतिम 10 दिनों में 1.30 करोड़ परिवारों ने मनरेगा के तहत काम के लिए आवेदन किया था। मई में यह संख्या 3.46 करोड़ और जून में 4.06 करोड़ पहुंच गई थी। लेकिन जून के बाद इसमें कमी आनी शुरू हुई। जुलाई से सितंबर तक की अवधि में इसमें लगातार कमी आई। ग्रामीण विकास मंत्रालय के मुताबिक सामान्य मॉनसून, कृषि गतिविधियों में तेजी और प्रवासी मजदूरों के शहरों की ओर लौटने से मनरेगा के तहत काम की मांग में कमी आई है। मॉनसून के दौरान इसमें कमी आती है, जबकि गर्मियों के दौरान और सूखे पड़ने की स्थिति में इसमें तेजी आती है।