नई दिल्ली । पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 104वीं जयंती है। एकात्म मानववाद जैसी विचारधारा और अंत्योदय के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की आज 101वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी भाजपा के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना के स्थापना दिवस के मौके पर उनकी जयंती के अवसर पर हिस्सा लिया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।नए श्रम रिफॉर्म हमारे श्रम बल के जीवन को बदल देंगे। अब तक, देश भर में केवल 30% श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी गारंटी योजना के तहत कवर किया गया था। अब, यह असंगठित क्षेत्र के सभी उद्योगों के श्रमिकों तक विस्तृत होगा। उन्होंने कहा कि आजादी के अनेक दशकों तक किसान और श्रमिक के नाम पर खूब नारे लगे, बड़े-बड़े घोषणा पत्र लिखे गए, लेकिन समय की कसौटी ने सिद्ध कर दिया है कि वो सारी बातें कितनी खोखली थीं, सिर्फ नारें थे। देश अब इन बातों को भली भांति जानता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछली सरकार वादों और कानूनों का एक जटिल जाल बनाती थी जिसे किसान या मजदूर कभी समझ नहीं सके। लेकिन भाजपा नीत राजग सरकार ने इस स्थिति को बदलने की लगातार कोशिश की है और किसानों के कल्याण के लिए सुधार पेश किए हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जब अपनी स्नातक स्तर की शिक्षा हासिल कर रहे थे, उसी वक्त वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस के संपर्क में आये और वह आरएसएस के प्रचारक बन गये। हालांकि प्रचारक बनने से पहले उन्होंने 1939 और 1942 में संघ की शिक्षा का प्रशिक्षण लिया था और इस प्रशिक्षण के बाद ही उन्हें प्रचारक बनाया गया था। वर्ष 1951 में भारतीय जनसंघ की नींव रखी गई थी और इस पार्टी को बनाने का पूरा कार्य उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ मिलकर किया था। भारतीय राजनीति में एकात्म मानववाद के दर्शन को प्रस्तुत करने वाले उपाध्याय का मानना था कि हिन्दू कोई धर्म या संप्रदाय नहीं, बल्कि भारत की राष्ट्रीय संस्कृति हैं। भाजपा आज भी उनके विचारों का अनुसरण करती है और हर वर्ष उनकी जयंती को व्यापक स्तर पर मनाती है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा भी शुक्रवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय के 104वें जयंती समारोह के अवसर पर राजधानी स्थित पार्टी मुख्यालय में उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे।