नई दिल्ली । बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो जाने के बाद अब सबकी निगाहें टिकट बंटवारे पर लगी हैं। लोग जानना चाह रहे हैं उनके क्षेत्र से किस पार्टी का कौन सा उम्मीदवार होगा। एनडीए और महागठबंधन दोनों ने ही टिकट बंटवारे को लेकर बैठकें कर ली हैं। संभावना है कि जल्द ही सीट बंटवारे के साथ टिकट पर फैसला हो जाएगा। दोनाें की गठबंधन के सूत्रों के मुताबिक सभी दलों की सीटें चिह्नित हो चुकी हैं। एनडीए में भाजपा और जेडीयू के बीच कई दौर में मंथन हो चुका है। चुनाव की घोषणा के साथ ही जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा था कि बहुत ही कम समय में सीटें तय होंगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि आपस में अभी बातचीत नहीं हुई है। पर, चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है और हमलोगों के पास बहुत कम समय बचा है। इसलिए जल्द ही सीट शेयरिंग हो जाएगी। भाजपा से हमारा आरंभ से ही अच्छा संबंध रहा है और इसमें कहीं कोई दिक्कत नहीं है। जदयू-भाजपा के बीच सीटें चिह्नित की जा चुकी हैं। दोनों दलों की रणनीति इस प्रकार बनी है कि जहां जो मजबूत है, वहां उसके प्रत्याशी हों। निर्णय का आधार प्राय: 2010 का विधानसभा चुनाव ही दिख सकता है। हालांकि 2010 विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन में ये ही दोनों दल थे, कोई तीसरा नहीं था। तब जदयू ने 141 जबकि भाजपा ने 102 सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतारे थे। अब जदयू के साथ पूर्व सीएम जीतनराम मांझी एनडीए से जुड़ चुके हैं और उन्हें जदयू कोटे से सीटें दी जाएंगी। जबकि लोजपा को भाजपा कोटे से सीटें मिलेंगी। गठबंधन में सीटों पर फैसले में अहम भूमिका जदयू और भाजपा की ही होने जा रही है। जदयू के आरसीपी सिंह और ललन सिंह जबकि बिहार भाजपा के प्रभारी भूपेन्द्र यादव के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं। इस दौरान बिहार की एक-एक सीट पर व्यापक चर्चा हुई है। हर सीट पर दावे के आधार पर भी बातचीत हुई है। सामाजिक समीकरण आदि के मुताबिक किसके लिए कौन सीट अधिक मुफीद होगी, इस पर भी वर्कआउट किया जा चुका है। इन सबके बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार की भी मुलाकात हो चुकी है। अब केवल दो-एक बैठकों में सारी चीजें फाइनल हो जाएंगी और एनडीए अपनी शीट शेयरिंग की घोषणा की स्थिति में होगा।