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दमोह उपचुनाव: टिकाऊ बनाम बिकाऊ के बाद विकास पर अटके

Updated on 11-04-2021 02:55 PM
दमोह विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रचार अभियान अपने पूरे शबाब पर पहुंचने लगा है और इसके साथ ही आरोप-प्रत्यारोप के तीर भी एक दूसरे पर भाजपा और कांग्रेस के नेता छोड़ने में कोई कोताही नहीं बरत रहे हैं। भाजपा फिर से अपनी परंपरागत दमोह सीट पर जीत का परचम फहराना चाहती है तो वहीं कांग्रेस 2018 के चुनाव में लंबे समय के बाद जीती दमोह सीट खोना नहीं चाहती है, यही कारण है कि दोनों ही पार्टियों ने अपने पूरी ताकत झोंक दी है। प्रचार के लिए अब 5 दिन शेष हैं और एक ओर सूरज की तपन से तापमान निरंतर बढ़ता जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर राजनीतिक तापमान का पारा भी ऊपर की ओर जा रहा है तथा  वह 15 अप्रैल को अपने चरम पर पहुंच जाएगा। इससे एक दिन पूर्व 14 अप्रैल को दमोह में चुनावी पारा एकदम काफी चढ़ जाएगा क्योंकि उस दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी के समर्थन में रोड शो संभावित है तो वहीं दूसरी ओर इसी दिन पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का रोड शो कांग्रेस उम्मीदवार अजय टंडन के पक्ष में होगा । एक ही दिन दोनों दलों के बड़े नेताओं के रोड शो को देखते हुए प्रशासन की सांस फूलना स्वाभाविक है क्योंकि उसे दोनों ही रोड शो शांतिपूर्ण ढंग से निपट जाएं इसके लिए काफी मशक्कत करना पड़ेगी। ज्योतिरादित्य सिंधिया के 13 अप्रैल को चुनाव प्रचार में भाग लेने की जानकारी मिली है। अभी तक चुनाव प्रचार की धुरी टिकाऊ बनाम बिकाऊ से चलती हुई विकास पर अटक गई  है। शिवराज विकास को ही चुनाव का मुख्य मुद्दा बना रहे हैं तो कमलनाथ ने 7 अप्रैल की अपनी चुनाव सभा में यह कहते हुए कि दमोह में किसी सांसद या विधायक का निधन नहीं हुआ है, बल्कि प्रजातंत्र का निधन हुआ है, इस सचाई को सभी को समझना होगा और मतदाताओं को इसका जवाब भाजपा से लेना होगा चुनावी मुद्दा टिकाऊ बनाम बिकाऊ बना दिया था । दमोह के मतदाता 17 अप्रैल को ईवीएम में बटन दबाकर इस बात का फैसला कर देंगे कि उन्हें सत्ताधारी दल भाजपा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विकास के वायदे पर भरोसा है या कांग्रेस के बिकाऊ बनाम टिकाऊ के नारे ने उन्हें प्रभावित किया है। मतदाता का क्या फैसला है इसके लिए यहां के लोगों को 2 मई तक का इंतजार करना पड़ेगा । 
रंग पंचमी के बाद से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद विष्णु दत्त शर्मा तो अभी तक दमोह में डेरा डाले हुए हैं और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी सभाएं ले रहे हैं। केंद्रीय कृषि तथा ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एक दिन चुनाव प्रचार कर चुके हैं जबकि क्षेत्रीय सांसद केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल यहां पर सक्रिय बने हुए हैं और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी भाजपा उम्मीदवार राहुल सिंह लोधी के प्रचार अभियान में शामिल हो चुकी  हैं। कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन के पक्ष में कमलनाथ नामांकन की प्रक्रिया शुरु होने के बाद दो बार में तीन चुनाव सभाएं ले चुके हैं और अभी 14 अप्रैल को फिर आने वाले हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव तथा प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक भी दमोह आने वाले हैं तथा पूर्व मुख्यमंत्री सांसद दिग्विजय सिंह पहले ऐसे बड़े कांग्रेस नेता हैं, जो दो रात और दो दिन दमोह में रहकर ही प्रचार कर रहे हैं। मैदानी जमावट करने में कांग्रेस में दिग्विजय सिंह के अलावा कोई दूसरा नेता नहीं है इसलिए उनका 2 दिन का दौरा कांग्रेस उम्मीदवार टंडन के लिए काफी लाभदायक साबित हो सकता है। 
विकास का मुद्दा ही कारगर
शिवराज ने भाजपा के बूथ अध्यक्षों के सम्मेलन में कहा है कि कांग्रेस टिकाऊ बनाम बिकाऊ का मुद्दा बना रही है जबकि पिछले 28 विधानसभा उपचुनाव में केवल विकास का मुद्दा ही कारगर साबित हुआ है तथा सबने देखा है कि विकास केवल भाजपा ही कर सकती है। भाजपा नेताओं के निशाने पर कमलनाथ से अधिक दिग्विजय सिंह रहते हैं और उन पर ही निशाना साधते हुए शिवराज ने कहा कि दिग्विजय सिंह दमोह आ रहे हैं तथा वह प्रदेश के सबसे झुठेले नेता हैं। वह जहां भी जाते हैं बंटाधार हो जाता है और हम चाहते हैं कि 17 अप्रैल तक वह यहीं पर रुक जाएं ताकि जवाब मिल जाए। केंद्रीय कृषि, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह याद दिलाया कि सरकार बनाने में कांग्रेस से आए लोगों ने ईंट का काम किया है और भाजपा सरकार की मजबूती के लिए एक ईंट की कमी है जो इस चुनाव में बूथ अध्यक्षों को लगानी है। मजबूत सरकार की मजबूत इमारत होगी तो विकास भी मजबूत होगा। किसी भी चुनाव में पार्टी की जीत के लिए कार्यकर्ताओं का ही असली योगदान होता है इसलिए शिवराज ने इस बात पर जोर दिया कि कार्यकर्ता की वजह से ही हमारी सरकार बनी है। इस सम्मेलन में भाजपा नेताओं ने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि हर बूथ पर भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए जुट जाएं। 
कार्यकर्ताओं का महत्व रेखांकित करते दिग्विजय
कांग्रेस के लिए कार्यकर्ताओं का क्या महत्व है यह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने  अभिन्न साथी तथा वरिष्ठ कांग्रेस नेता पूर्व मंत्री महेश जोशी को श्रद्धांजलि देते हुए रेखांकित किया है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मेरे बड़े भाई और प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महेश भाई नहीं रहे। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा। उनमें संगठन चलाने की अद्भुत क्षमता थी। पार्टी में मेरे  अध्यक्षीय कार्यकाल में संगठन का कार्य वे ही देखते थे। महेश जोशी का कांग्रेस पार्टी के प्रति समर्पण अद्वितीय था। कार्यकर्ताओं के सम्मान की लड़ाई लड़ने में वे बड़े से बड़े नेता से टकराने में नहीं हिचकते थे। जो उनके मन में होता था वही उनकी ज़ुबान पर होता था। उनके लिए कांग्रेस संगठन सर्वोपरि था। आज इंदौर में उनका अंतिम संस्कार हैं लेकिन दमोह के उपचुनाव में होने के कारण मैं शामिल नहीं हो पा रहा हूँ। पहले पार्टी के प्रति समर्पण बाद में और कुछ, यही मैंने उनसे सीखा है। इस प्रकार महेश भाई को याद करते  हुए उन्होंने कांग्रेस नेताओं को भी इशारे में यह सीख दी है कि उन्हें अपने कार्यकर्ताओं के सम्मान की लड़ाई के लिए बड़े से बड़े नेता से भी टकराने से हिचकिचाना नहीं चाहिए और जो  मन में हो वही जुबान पर भी होना चाहिए।
दिग्विजय सिंह ने दमोह पहुंचकर पार्टी उम्मीदवार अजय टंडन की जीत के लिए बिसात बिछाना प्रारंभ कर दिया है। 9 अप्रैल की रात्रि में उपचुनाव प्रचार अभियान के सिलसिले में वह यहां पहुंचे और वे 11 अप्रैल तक विभिन्न लोगों से संपर्क करेंगे तथा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के साथ ही चुनाव जीतने के लिए जरूरी टिप्स भी देंगे। अपने इस प्रयास में वह पेंशनर्स और व्यापारियों को साधने की कोशिश कर रहे हैं। चुनाव प्रचार करते हुए उन्होंने दमोह व्यापारी संघ की बैठक में केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों पर प्रहार करते हुए अपनी पार्टी के उम्मीदवार को जिताने की अपील की। अभाना में दिग्विजय सिंह ने चुनाव सभा और दमोह बस स्टैंड में नुक्कड़ सभा को संबोधित किया। रविवार को दिग्विजय सिंह समाजसेवियों से मुलाकात करेंगे और दमोह पेंशनर संघ की बैठक में शामिल होने के साथ ही इमलिया घाट में जनसंपर्क करेंगे तथा एक नुक्कड़ तथा एक चुनावी सभा को संबोधित करेंगे।
और यह भी
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने अपनी और संगठन की पूरी ताकत उपचुनाव में झोंक दी है तथा वह 7 दिनों से लगातार दमोह क्षेत्र की गलियों और सड़कों को लगातार नाप रहे हैं। शर्मा कार्यकर्ताओं को यह याद दिलाना नहीं भूलते हैं कि यह चुनाव प्रत्येक कार्यकर्ता का है और प्रत्येक कार्यकर्ता ही पार्टी का प्रत्याशी है। वहीं दूसरी ओर अभी तक दिग्विजय सिंह ही कांग्रेस के ऐसे बड़े कद के नेता है जो लगातार दो रात दमोह में बिता रहे हैं।
अरुण पटेल, लेखक                                                                 ये लेखक के अपने विचार है I 
प्रबंध संपादक, सुबह सवेर  
कार्यकारी संपादक अमृत संदेश

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