नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि व्यापक सुधारों के बिना, संयुक्त राष्ट्र पर भरोसे की कमी का संकट मंडराता है। बहुपक्षीय व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है, जो मौजूदा वास्तविकताओं को दर्शाए, सभी पक्षकारों की बात रखे और समकालीन चुनौतियों का समाधान दे। संयुक्त राष्ट्र की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुई उच्च स्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने अपना संबोधन दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 75 साल पहले, युद्ध की भयावहता से एक नई आशा पैदा हुई। मानव इतिहास में पहली बार, पूरी दुनिया के लिए एक संस्था बनाई गई थी। व्यापक सुधारों के बिना, संयुक्त राष्ट्र पर भरोसे की कमी का संकट मंडराता है। बहुपक्षीय व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है, जो मौजूदा वास्तविकताओं को दर्शाए, सभी पक्षकारों की बात रखे और समकालीन चुनौतियों का समाधान दे।