भारत भी अजीब राह पर चल रहा है,सत्तरूढ दल हो या संयुक्त विपक्ष
भ्रष्टाचार जैसा बड़ा मुद्दा एजेंडे में नहीं ला रहे हैं। । विपक्षी दलों
की बैठक में भ्रष्टाचार पर एक भी शब्द नहीं बोलने से भाजपा को हमला करने का
मौका मिल गया। यही वजह है कि प्रधानमंत्री और भाजपा इस गठबंधन के प्रयासों
की खिल्ली उड़ा रहे हैं। भाजपा के कतिपय मंत्रियों पर भी भ्रष्टाचार में
सराबोर होने के आरोप लग रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने भोपाल में विपक्षी
दलों के घोटाले की लम्बी लिस्ट बता रहे थे तो मध्यप्रदेश के मंत्री पर
सिंहस्थ की ज़मीन में घोटाले के आरोप लग रहे थे।
प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने लगभग ठीक ही कहा है कि “कुछ लोग सिर्फ अपने ही दल के लिए
जीते हैं, दल का ही भला करना चाहते हैं और वो ये सब इसलिए करते हैं
क्योंकि उन्हें भ्रष्टाचार का, कमीशन का और कट मनी का हिस्सा मिलता है।
उन्होंने जो रास्ता चुना है, उसमें ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती।“
मोदी
ने कहा कि आजकल बार-बार एक शब्द आता है- गारंटी। ये सारे [उन्होंने सिर्फ़
विपक्षी कहा था] दल भ्रष्टाचार की गारंटी हैं। ये गारंटी हैं लाखों-करोड़
रुपयों के घोटालों की। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले इनका एक फोटो शॉप
कार्यक्रम हुआ। उस फोटो में जो लोग हैं उन सब का मिल कर टोटल करेंगे तो ये
सारे मिल कर कम से कम 20 लाख करोड़ रुपये के घोटाले की गारंटी हैं। अकेले
कांग्रेस का ही लाखों करोड़ों का घोटाला है। इन पार्टियों के पास घोटालों
का ही अनुभव है और इसीलिए इनकी अगर कोई गारंटी है तो वो है- घोटालों की
गारंटी। अगर उनकी घोटाले की गारंटी है, तो हर घोटालेबाज पर कार्रवाई की
गारंटी होना चाहिए ।
आश्चर्य की बात यह है कि
केंद्र सरकार के खिलाफ ईडी और सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगाने वाले
विपक्षी दलों में से किसी ने भी प्रधानमंत्री के आरोपों का खंडन तक नहीं
किया। विपक्षी दल ईडी की कार्रवाई के विरोध में सुप्रीम कोर्ट से पहले ही
मात खा चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की कार्रवाई के मामले में दखल देने
से इंकार कर दिया था।
भ्रष्टाचार के आरोपों को बल
इस बात से मिलता है कि विपक्षी नेताओं पर लगे भ्रष्टाचार के ज्यादातर
मामलों में अदालत ने कोई राहत नहीं दी है। इसी कड़ी में एक मामला तमिलनाडु
के मंत्री सेंथिल बालाजी का भी शामिल हो गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)
ने नौकरी के बदले नकदी मामले में मंत्री बालाजी को 14 जून को गिरफ्तार किया
था। चेन्नई सत्र न्यायालय ने न्यायिक हिरासत 12 जुलाई तक बढ़ाने का आदेश
दिया है। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गयी थी, लेकिन
सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के फैसले में दखल देने से मना कर दिया।
गौरतलब है कि बालाजी पर रिश्वत लेकर परिवहन विभाग में नौकरी देने का आरोप
है।इसके बाद वहाँ के राज्यपाल ने अपना निर्णय भी बदल दिया।
बेशक
भ्रष्टाचार मुद्दा किसी डाल के लिए प्रमुख न हो, पर इस मामले में भारत की
स्थिति भयावह है। करप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2022 की 180 देशों की सूची में
भारत को 40 अंकों के साथ 85वें पायदान पर रखा गया। दुनिया भर के देशों में
करप्शन के स्तर को मापने वाला यह इंडेक्स हर साल संगठन ट्रान्सपैरेंसी
इंटरनेशनल द्वारा जारी किया जाता है। निश्चित तौर पर राज्यों में व्याप्त
भ्रष्टाचार के कारण ही भारत की यह स्थिति बनी है। विशेषकर विपक्षी दलों की
सत्ता वाले राज्यों में भारी भ्रष्टाचार व्याप्त है। यह विपक्षी दलों के
लिए कभी भी चिंता का विषय नहीं बना।
इंडियन
करप्शन सर्वे 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक सबसे भ्रष्ट राज्यों की सूची में
राजस्थान नंबर एक पर रहा। भ्रष्टाचार की इस लिस्ट में बिहार दूसरे नंबर पर
रहा। बिहार के सर्वे में 75 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें काम करवाने के
लिए रिश्वत देनी पड़ी। 50 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें अधिकारियों को कई
बार पैसे देने पड़े। तकरीबन 25 प्रतिशत लोगों ने कहा कि केवल उन्हें एक या
दो बार घूस देनी पड़ी। झारखंड देश में भ्रष्टाचारी राज्यों की सूची में
तीसरे पायदान पर आया। 74 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें अपना काम करवाने
के लिए रिश्वत देनी पड़ी। इन 74 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने कई-कई
बार घूस दी। उत्तर प्रदेश देश में भ्रष्टाचार में चौथे स्थान पर है। यहां
74 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें अपना काम करवाने के लिए रिश्वत देनी
पड़ी।
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस की हालत
का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राजस्थान में भाजपा ने प्रमाण
सहित भ्रष्टाचार के मामले पेश किए हैं। इसके बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
सहित कांग्रेस के किसी भी वरिष्ठ नेता ने इसका प्रतिवाद तक करना उचित नहीं
समझा। भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा द्वारा 5000 करोड़ रुपये
के कथित घोटाले को लेकर सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग के खिलाफ
प्रवर्तन निदेशालय को शिकायत दर्ज कराने के बाद अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
के बेटे वैभव गहलोत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
इसी
तरह सांसद मीणा ने राजस्थान में जल जीवन मिशन के तहत पीएचईडी मंत्री महेश
जोशी और पीएचईडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल के खिलाफ 20 हजार
करोड रुपये के घोटाले का गंभीर आरोप लगाया है। पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन
पायलट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर पहले ही भ्रष्टाचार के बचाव का बड़ा आरोप
लगा चुके हैं। पायलट ने गहलोत सरकार पर भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा
राजे के कार्यकाल में 45 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था। यह
निश्चित है कि जब तक विपक्षी दल भ्रष्टाचार सहित राष्ट्रहित से जुड़े अन्य
मुद्दों पर अपना दृष्टिकोण साफ नहीं करेंगे तब तक एकता होने के बावजूद देश
के लोगों का भरोसा जीतना आसान नहीं है। भाजपा विपक्षी दलों को लगातार
निशाने पर लेती रहेगी।भाजपा को भी उन राज्यों की तरफ़ स्वतः: देखना चाहिए
जहां उसके मंत्री आरोपों की जद में हैं।
महाराष्ट्र में भाजपानीत महायुति और कांग्रेसनीत महाविकास आघाडी के लिए इस बार का विधानसभा चुनाव जीतना राजनीतिक जीवन मरण का प्रश्न बन गया है। भाजपा ने शुरू में यूपी के…
लोकसभा विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं।अमरवाड़ा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह को विजयश्री का आशीर्वाद जनता ने दिया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 29 की 29 …
छत्तीसगढ़ के नीति निर्धारकों को दो कारकों पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है एक तो यहां की आदिवासी बहुल आबादी और दूसरी यहां की कृषि प्रधान अर्थव्यस्था। राज्य की नीतियां…
भाजपा के राष्ट्रव्यापी संगठन पर्व सदस्यता अभियान में सदस्य संख्या दस करोड़ से अधिक हो गई है।पूर्व की 18 करोड़ की सदस्य संख्या में दस करोड़ नए सदस्य जोड़ने का…
छत्तीसगढ़ राज्य ने सरकार की योजनाओं और कार्यों को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए डिजिटल तकनीक को अपना प्रमुख साधन बनाया है। जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते…
वर्तमान समय में टूटते बिखरते समाज को पुनः संगठित करने के लिये जरूरत है उर्मिला जैसी आत्मबल और चारित्रिक गुणों से भरपूर महिलाओं की जो समाज को एकजुट रख राष्ट्र…