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अन्नदाता को खुश करने की होड़ : शिवराज किसानों को देंगे करोड़ों तो कांग्रेस करेगी व्रत

Updated on 17-12-2020 01:27 PM
भारतीय जनता पार्टी पूरे देश के साथ ही मध्यप्रदेश में भी नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा  बनाए गए नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों के बीच में जो भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है उसे दूर करने के लिए किसान सम्मेलनों  के माध्यम से किसानों के बीच जाकर इन कानूनों से किसानों को होने वाले फायदे बता रही है। मध्यप्रदेश में इस भ्रम को दूर करने के लिए स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद विष्णु दत्त शर्मा सहित केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ नेता मैदान में उतर कर इसके फायदे गिना रहे हैं। कांग्रेस भी अब  आंदोलन करने वाले किसानों के समर्थन में सामने आ गई है और वह प्रदेश अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की अगुवाई में  महात्मा गांधी की प्रतिमाओं के सामने धरना देगी तथा कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता उपवास करेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों का दिल जीतने के लिए घोषणाओं की झड़ी लगाते हुए उनके हितों के प्रति अपनी सरकार की सर्वोच्च प्रतिबद्धता रेखांकित की है। शिवराज ने भोपाल और नर्मदापुरम संभाग के किसानों के राजधानी भोपाल में आयोजित एक बड़े किसान सम्मेलन में घोषणा की है कि 18 दिसंबर को किसानों को राहत पहुंचाने के लिए उनके खातों में सोलह सौ करोड़ रुपए की राशि वे डालेंगे। मुख्यमंत्री चौहान और भाजपा अध्यक्ष शर्मा ने कानूनों की बारीकियां समझाते हुए उसके फायदे गिनाए। शिवराज ने कृषि कानूनों को लेकर किसानों को भ्रमित करने के लिए कांग्रेस, वामपंथियों और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कमलनाथ पर किसानो का कर्जा बढ़ाने तथा किसानों की फसल बीमा की राशि जमा ना करने का आरोप लगाते हुए भरोसा दिलाया कि भाजपा सरकार किसान के साथ खड़ी है। शिवराज ने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों को भी सचेत करते हुए जनता से संवाद करने, कृषि कानूनों लेकर जो भ्रांतियां फैलाई जा रही है उन्हें दूर करने  के साथ ही इन कानूनों के फायदे बताने के निर्देश दिए हैं। इस प्रकार उन्होंने अपने मंत्रियों को भी मैदान में उतार दिया है। मुख्यमंत्री मंगलवार को मंत्रालय से वीडियो कांफ्रेंस द्वारा मंत्रियों को संबोधित कर रहे थे। शिवराज ने केबिनेट बैठक के पूर्व मंत्रियों से कहा कि वे अपने भ्रमण, जनता से संवाद, बैठकों और कार्यक्रमों में नये कृषि कानूनों के फायदों के बारे में चर्चा करें। किसानों के साथ ही सभी वर्गों को देश की आर्थिक प्रगति की दिशा, नये कृषि कानूनों के माध्यम से उठाए गए महत्वपूर्ण कदम की जानकारी भी दें। उन्होंने होशंगाबाद जिले में किसानों को धान का उच्चतम मूल्य दिलवाने के लिए नए किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) अनुबंध मूल्य आश्‍वासन और सेवा अधिनियम 2020 में की गई कार्यवाही को आदर्श बताते हुए अन्य जिलों में भी किसान हित में ऐसे कदम उठाने की अपेक्षा की। किसानों की आर्थिक दशा सुधारने के लिए बने इन कानूनों के प्रावधानों का विवरण भी जनता तक पहुंचाया जाए, इसके लिए मंत्री नेतृत्व करते हुए इस कार्य को पूर्ण करें। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि आगामी 18 दिसम्बर को पूरे राज्य में किसानों को राहत राशि उनके खातों में अंतरित की जाएगी। इसमें पूर्व की बकाया राशि के अलावा इस वर्ष सोयाबीन फसलों के नुकसान और अन्य फसल क्षति की राहत राशि भी शामिल रहेगी। प्रदेश के 35 लाख 50 हजार किसानों के खातों में 1600 करोड़ रुपये जमा  किए जाएंगे। शिवराज स्वयं विदिशा में राशि अंतरित करेंगे। शेष जिलों में मंत्रीगण इन कार्यक्रमों में शामिल होंगे। मंत्रियों के जिलों में जाने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय और कृषि मंत्री समन्वय कर निर्णय ले रहे हैं। इस कार्यक्रम में स्थानीय विधायक और सांसद भी शामिल होकर अपनी बात कहेंगे। जब शिवराज के निशाने पर  कमलनाथ हैं तो फिर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ कुछ ना कहें ऐसा हो ही नहीं सकता  उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पिछले 17 वर्षों में की गई घोषणाओं का हिसाब लगाया जाए तो उस हिसाब से हमारे प्रदेश का किसान आज देश में सबसे समृद्ध होना चाहिए था लेकिन प्रदेश में स्थिति इसके विपरीत है। आज प्रदेश का किसान कर्ज के दलदल में फंसा होकर सबसे ज्यादा आत्महत्या  करता है, प्रदेश में खेती घाटे का धंधा बन चुकी है। इसी से शिवराज की किसानों को लेकर की जाने वाली हवा-हवाई  घोषणाओं की हकीकत में सच्चाई समझी जा सकती है ?
और अंत में...........
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा के अनुसार कमलनाथ के निर्देश पर पेट्रोल-डीज़ल की मूल्यवृद्धि, रसोई गैस सिलेंडर के दामों में वृद्धि, किसान विरोधी काले क़ानूनों के विरोध में, किसानों के समर्थन तथा भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियो के विरोध में पूरे प्रदेश में कांग्रेस 19 दिसंबर को विरोध दिवस मनायेगी।उस दिन कांग्रेसजन उपवास रखेंगे।यह विरोध दिवस ज़िला-ब्लॉक स्तर पर होगा तथा महात्मा गांधी की प्रतिमाओं के समक्ष कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता धरना देंगे। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष तथा प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने यह भी कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी उपवास करेंगे।  दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पूरे मंत्रियों कार्यकर्ताओं और विधायकों तथा दिल्ली की जनता से आव्हान किया था कि वह किसानों के समर्थन में जिस दिन किसान उपवास कर रहे हैं उसी दिन   उपवास करें और उन्होंने तथा आम आदमी पार्टी ने वैसा ही किया। केजरीवाल के उपवास को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नौटंकी करार दिया था। अब कांग्रेस ट्विटर और सोशल मीडिया प्लेटफार्म के साथ ही मैदान में 19 दिसंबर को उतर रही है। चूंकि किसानों में भ्रम फैलाने के लिए भाजपा के निशाने पर कांग्रेस  सबसे अधिक है इसलिए वह खुलकर देर से ही सही पर किसानों के समर्थन में आखिरकार सामने आ गई है। देखने वाली बात यही होगी  कि कमलनाथ और दिग्विजय सहित कांग्रेस नेताओं के उपवास पर  अमरेंद्र सिंह की क्या प्रतिक्रिया होती है?
अरुण पटेल, लेखक                                                                          ये लेखक के अपने विचार है I
प्रबंध संपादक सुबह सवेर, 
कार्यकारी संपादक अमृत संदेश

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