भारतीय संस्कृति की परंपराओं के प्रति प्रतिबद्धता अत्यंत आवश्यक
Updated on
25-04-2023 11:58 AM
हमारी भारतीय संस्कृति की पवित्र परंपराएं बहुत ही प्राचीन एवं गौरवशाली है । जो संपूर्ण राष्ट्र के लोगों को एक साथ लेकर चलते हुए विश्व कल्याण के मार्ग पर निरंतर प्रगतिशील है । पूरा विश्व हमारी संस्कृति को बहुत ही सम्मान व सार्थकता के दृष्टिकोण से देखता मात्र नहीं कई ऐसे देश है जो अपनाकर अनुसरण भी करते हैं । कई सदियों पूर्व लिखे गए हमारे धार्मिक ग्रंथ उनमें लिखे हर एक विषय आज भी अपनी प्रमाणिकता दर्शाते हैं । जो विज्ञान भी मानता है । हमारी संस्कृति की पावन परंपराएं जो सभी को एक मार्ग पर जोड़कर सबको साथ लेकर चलने का संदेश देती हैं । सामाजिक समरसता आपसी सद्भाव को जीवंत रखने अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । आज पूरा विश्व हमारी संस्कृति की पावन परंपराओं को अपना रहा है । उसकी महत्वता को समझ रहा है परंतु हमारे ही देश में कुछ ऐसे राष्ट्र विरोधी दल बा उनके जयचंद नेतागण हैं जो तुष्टीकरण की राजनीति करते हुए जातिवाद वर्ग बाद का जहर देश में घोल रहे हैं । आतंकवादियों से मिलकर भारतीय संस्कृति को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं । परंतु भारतीय संस्कृति बहुत ही मजबूत और प्रमाणित है जिसे कोई कमजोर नहीं कर पाएगा । आजकल कई राष्ट्र विरोधी शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से भी छात्र-छात्राओं के कोमल हृदय में भारतीय संस्कृति के विरुद्ध जहर घोलने एवं पश्चिमी सभ्यता को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है । यह देश की एकता एवं अखंडता को कमजोर करने की बहुत बड़ी साजिश है । ऐसे संस्थानों की जांच होकर उन पर कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिए हमारी संस्कृति केवल देश ही नहीं संपूर्ण विश्व में सबसे प्राचीन एवं प्रमाणत संस्कृति है । हमारी परंपराएं सभी को एक साथ लेकर चलने वाली है । उसी पावन संस्कृति के आधार पर भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है । आवश्यकता है आज सभी युवाओं को अपनी संस्कृति के लिए संकल्पित रहने की । भारतीय संस्कृति की परंपराओं के प्रति प्रतिबद्धता अत्यंत आवश्यक है ।
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