ठंड का सीजन बड़ा सुहाना सीजन होता है। दिन छोटे और रात बड़ी होती है। व्यक्ति का अधिकतर समय घर में गुजरता है तो उसे कुछ ना कुछ खाने का और थोड़ी थोड़ी देर में कुछ गर्म पीने का भी मन होता है बस एक बात की कमी हो जाती है कि बच्चे बूढ़े बुजुर्ग सभी पानी ठंडा होने के कारण कम पीते हैं जबकि इन दिनों पानी खूब पीना चाहिए दो दो घुट कर भी दिन भर पिते रहे, ठंडा ना पी सके तो थोड़ा गुनगुना करके पिये। इन दिनों शादी ब्याह, पार्टी पिकनिक खुब होते हैं क्योंकि छुट्टियों का समय भी आ जाता है और नये साल मनाने का जस्न उसमें घूमना फिरना पार्टी प्रोग्राम खूब होता है। शरीर की गर्माहट बनाये रखने के लिए कुछ ना कुछ खाते रहना चाहिए क्योंकि इन दिनों अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है, जिस व्यंजन की गर्म तासीर हो उसे खूब खाना चाहिए। यही वह समय है जिससे कमजोर व्यक्ति अपना शरीर मजबूत बना सकते है। ठंड से बचाव एवं पार्टी में जाने की तैयारी लिए आदमी को स्वेटर जैकेट कोट सूट यह सब पहनने को मिल जाता है पर सबसे ज्यादा तकलीफ कई महिलाओं को क्योंकि साड़ी और गहने दिखाना है तो शाल या ओवरकोट पहनना टल जाता हैं। कई घरों में अलाव या सिगड़ी लगाते हैं और प्याज लहसुन बटले मूंगफली शकरकंद आदि सेक कर खाते हैं जो बहुत पौष्टिक और सेहतमंद होता है। सिगड़ी या अलाव के ताप से भी बहुत से वायरस मरते हैं। अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)
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