सहकारिता से न्यूनतम लागत पर मिल सकेंगे प्लाट मकान फ्लेट
Updated on
17-07-2021 12:07 PM
सहकार से साकार यह नारा दिया गया और इसके कारण कई महिलाओं व अन्य लोगों ने सहकारी समिति बनाकर व्यापार, आवास, उद्योग आदि कई उपलब्धियां प्राप्त की। स्वरोजगार स्थापित करें। आवासीय सहकारी समिति का गठन नो लॉस नो प्रॉफिट बेसिस पर होता है सदस्यगण जमीन खरीदते हैं और उसकी लागत को आपस में बांट लेते हैं इसमें कोई मुनाफा या दलाली नहीं ले - दे सकते है। विकास कार्य का खर्चा भी बांट लेते हैं।
अब आपको मैं समझाऊं मान लो कोई जमीन ₹30 हजार बीघा की है यानी एक बीघा में 27200 वर्ग फिट होते हैं इस प्रकार जमीन खरीदी ₹110 प्रति वर्ग फीत हुई। कॉलोनी नक्शा पास कराने पर रोड व खुली जमीन छोड़ने के बाद 55% प्लॉट एरिया मिलता है मतलब प्लाट का मूल्य करीब ₹200 वर्ग फीट हुआ। विकास कार्य ₹100 -150 प्रति वर्ग हे तो प्लॉट ₹300 से ₹350 प्रति वर्ग फीट में मिल जाएंगे। सरकार सहकारी समितियों को प्रोत्साहित करें और हर साल जब ऑडिट होता है उसी वक्त संस्था द्वारा गलती, घोटाले या अच्छे कार्य को प्रमाणित करें। यदि कुछ घपला है तो वह वही रुक जाना चाहिए I सालों साल आगे नहीं बढ़ना चाहिए। मुझे याद है पूर्व में सहकारी समिति के प्लाटों पर रजिस्ट्रेशन शुल्क नहीं लगता था। जिससे बहुत कम लागत में व्यक्ति के घर मकान का सपना पूरा करता था। काश यह व्यवस्था फिर से हो जाए।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, इंजीनियर) ये लेखक के अपने विचार है I
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