विश्व के विशाल लोकतंत्र देश भारत के संविधान में देशवासियों के लिए विस्तार से नागरिक अधिकार उल्लेखित हैं। परंतु यह बड़े आश्चर्य की बात है कि भारतियो को स्वयं के लिए संविधान में उल्लेखित नागरिक अधिकार का ज्ञान नहीं है उन्हें कई बातों की जानकारी नहीं है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि आम जनता तक संविधान मैं उल्लेखित नागरिक अधिकारों के बारे में स्कूली शिक्षा, प्रोड शिक्षा या अन्य कोई अभियान के माध्यम से जानकारी नहीं मिल रही। बुकलेट के माध्यम से भी जानकारी आम जनता को दी जा सकती है। जब तक जनता को अपने नागरिक अधिकार का ज्ञान नहीं होगा तब तक उनका शोषण होने की पूरी संभावना बनी रहेगी। वैसे भी भारत में अशिक्षित लोगों की कमी नहीं है बहुत सारी जनता आज भी ऐसी है जिन्हें पढ़ना लिखना नहीं आता तो उन्हें ग्राम चौपाल के माध्यम से या छोटे छोटे नाटक के माध्यम से उन्हे अपने नागरिक अधिकारों की जानकारी दी जा सकती है। देश के प्रति जनता को भी अपने कर्तव्य का बोध होने पर कई बुराइयों पर जनता भी अंकुश लगा सकती है।फिलहाल की व्यवस्था में जिन्हें कानूनी ज्ञान नहीं होता वह दबंग लोग, गुंडो और कई बार तो कानून के रक्षक पुलिस द्वारा भी शोषित हो रहे हैं। जिन पर शासन करने की जिम्मेदारी होती है यदि वे कुशासन की ओर अग्रसर होते हैं तो जनता क्या कर सकती है यह जनता को ज्ञान होना बहुत जरूरी है तभी देश में सत्ताधारी पर नियंत्रण हो सकेगा। अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्) (ये लेखक के अपने
विचार है)
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