धनशोधन मामले में आयकर छापे जारी चीनी नागरिक गिरफ्तार
Updated on
14-08-2020 01:00 AM
नई दिल्ली । आयकर विभाग ने जिन चीनी व्यक्तियों और उनके स्थानीय सहयोगियों के दिल्ली, गुरुग्राम और गाजियाबाद के दो दर्जन ठिकानों की तलाशी शुरू की थी, उनके यहां यह कार्रवाई अभी जारी है। इस दौरान चीनी नागरिक चार्ली पेंग को गिरफ्तार कर लिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि आयकर विभाग ने शेल या संदिग्ध फर्मों का उपयोग करते हुए सीमा पार से धनशोधन रैकेट की जांच के संबंध में बुधवार को भी अपने छापे जारी रखे। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि आयकर विभाग ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में अब तक कई दस्तावेजों और कंप्यूटर उपकरणों को जब्त किया है और कई परिसरों से लगभग 60-70 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं। सूत्रों ने कहा कि विभाग कई लोगों से पूछताछ कर रहा है और आरोपियों से जुड़े कई बैंक खातों को फ्रीज करने की प्रक्रिया में है।
विभाग ने एक 42 वर्षीय चीनी व्यक्ति को हिरासत में लिया है, जिसकी पहचान चार्ली पेंग के रूप में की गई है। यह कथित तौर पर रैकेट का सरगना है और भारत में वर्क वीजा पर आया हुआ है। चीन के कुछ अन्य नागरिक भी इससे जुड़े हुए हैं। चार्ली के पास नकली भारतीय पासपोर्ट होने की बात आई है। आरोप है कि पेंग ने मणिपुर की एक महिला से शादी करने के बाद वहीं के पते पर नकली भारतीय पासपोर्ट हासिल किया था। आयकर अधिकारियों ने पुलिस को उसके पास नकली भारतीय पासपोर्ट होने की जानकारी दी है, जिसके बाद पासपोर्ट अधिनियम के उल्लंघन के आरोप में पेंग पर मामला दर्ज किया जा सकता है। अधिकारियों ने कहा कि उसने पिछले दो-तीन वर्षों में चीन के साथ हवाला रैकेट चलाने के लिए दिखावा कंपनियों का जाल बिछाया। उन्होंने कहा कि चार्ली का दिखावे का व्यवसाय चिकित्सा और इलेक्ट्रॉनिक सामान और कुछ अन्य वस्तुओं के आयात और निर्यात का था। सूत्रों ने बताया कि चार्ली को धोखाधड़ी, जालसाजी और मुद्रा विनियम का अवैध कारोबार चलाने के आरोप में सितंबर 2018 में दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा गिरफ्तार किया गया था।
इस बीच, छापे के बारे में पूछे जाने पर बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें विवरण के बारे में पता नहीं है। प्रवक्ता ने कहा, लेकिन मैं आपको बता सकता हूं कि चीनी नियमों के अनुसार, विदेशों में व्यापार करते समय चीनी कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय नियमों, स्थानीय कानूनों और नियमों का पालन करना जरूरी है। प्रवक्ता ने कहा, हम चीनी कंपनियों और नागरिकों के वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सीबीडीटी ने अपने बयान में बिना किसी का नाम लिए कहा था कि चीनी कंपनी, उसकी सहायक कंपनी और उससे संबंधित फर्मों ने भारत में खुदरा शो-रूमों के कारोबार खोलने के लिए शेल संस्थाओं से 100 करोड़ रुपये से अधिक की अग्रिम राशि ले ली है।सीबीडीटी ने कहा कि छापे की कार्रवाई से पता चला कि चीनी व्यक्तियों के इशारे पर विभिन्न डमी संस्थाओं में 40 से अधिक बैंक खाते बनाए गए थे। इनमें 1000 करोड़ रुपये से अधिक जमा किए गए। सीबीडीटी ने कहा कि हांगकांग और अमेरिकी डॉलर से जुड़े विदेशी हवाला लेनदेन के सबूतों का भी खुलासा हुआ है।
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