रायपुर । छत्तीसगढ़ के जंगलों में आजाद विचरण कर रहे हाथियों की आकस्मिक मौत का सिलसिला लगातार जारी है। बीते सात दिनों के अंदर यहां तीन जगहों पर हाथियों की करंट की चपेट में आने से असमय मौत हुई है। ताजा मामला गरियाबंद जिले के धवलपुर गांव का है। यहां एक युवा नर हाथी की करंट की चपेट में आने से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि जिस हाथी की मौत हुई है वह अपने दल के साथ उड़ीसा से इस इलाके में आया था। हाथियों के इसी रास्ते में 111 केवी की विद्युत सप्लाई लाइनटूट कर नीचे गिर गई थी। इसी के संपर्क में आने से हाथी की मौत हो गई है। वन विभाग के अधिकारियों ने घटना की पुष्टि की है।
इससे पहले धर्मजयगढ़ में भी एक हाथी की करंट से मौत हो गई थी। ग्रामीणों ने वनपरिक्षेत्र के मेढरमार गांव में एक हाथी का शव संदिग्ध परिस्थितियों में देखा था। मेढरमार गांव के धर्म सिंह राठिया के खेत में सिंचाई के बोर के उद्देश्य से हाईवोल्टेज करंट की आपूर्ति की गई है। वह सुबह धान की फसल देखने पहुंचे तो हाथी को अचेत पाया। आशंका है कि हाथी बोर के तारों में उलझ गया और करंट के कारण मौत हुई। शरीर पर करंट प्रवाहित तार लिपटा पाया गया है। सीसीएफ (चीफ कंजर्वटेर ऑफ फॉरेस्ट) अनिल सोनी के साथ रायगढ़ और बिलासपुर से वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थानीय लोगों की मदद से हाथी का संस्कार किया। बता दें कि इससे पहले रायगढ़ जिले के धर्मजयगढ़ और महासमुंद जिले के पिथौरा में एक-एक मौत हुई है। इनमें एक मादा गर्भवती हथिनी भी शामिल है। छत्तीसगढ़ में पिछले चार महीने के दौरान अब तक 11 हाथियों की इस तरह असमय मौत हुई है। इनमें से ज्यादातर मौतें करंट की चपेट में आने से हुई हैं।