चाबहार पोर्ट जहां अफगानिस्तान के विकास के लिए अहम भूमिका निभा रहा है। वहीं यह पाकिस्तान के लिए यह बड़ा झटका है। पाकिस्तान की सरकार कराची पोर्ट की सुविधा देने के नाम पर तालिबान को लूट रही थी और ब्लैकमेल कर रही थी। अफगानिस्तान से जहां पाकिस्तान ज्यादा पैसा ले रहा है, वहीं टीटीपी के खिलाफ ऐक्शन नहीं लेने के नाम पर उसे ब्लैकमेल कर रहा है। पाकिस्तान ने धमकाना शुरू कर दिया था कि चारों तरफ से जमीन से घिरे अफगानिस्तान का रास्ता रोकने की धमकी दे रहा है। इसके बाद अब तालिबान भारत और ईरान की शरण में पहुंच गया है। अफगानिस्तान अगर ईरानी पोर्ट का इस्तेमाल करता है तो इससे पाकिस्तान को करोड़ों डॉलर का नुकसान होगा जो वह सुविधा देने के नाम पर वसूलता है।