प्रकृति में हमारे क्षेत्र में बरसात का यह मौसम आपको तरोताजा करने के लिए एक आमंत्रण है। जब रिमझिम फुहार हो, थोड़ी बरसात हो आप उसमें नहाइए जरूर जब आप नहाएंगे तो आप अपने आप में रिचार्ज हो जाएंगे। बुजुर्ग कहते हैं पहली बरसात में नहाने से शरीर की अलाइया दूर होती है। बरसात का यह मौसम सब तरफ हरियाली और खुशहाली का है इस समय आप जितना प्रकृति में घूमेंगे उतना आनंदित होंगे और उत्साहित होंगे। जब आप झरने, नदिया, हरे भरे वृक्ष, खिली- खिली वादियां, उड़ते बादल यह सब नजारे देखते हैं तो आपका शरीर अपने आप मैं रोमांचित हो जाता है क्योंकि हम इसी इकोलॉजी का हिस्सा है। हमारा जन्म मरण और जीवन सब कुछ प्रकृति के इसी इको चक्र से जुड़ा हुआ है। तपती धूप में हम कई बाहर जाने का मन नहीं करते हैं सर्द मौसम में हम जरूर थोड़ा घूमने का मन रखते हैं पर सावन और भादो यह दो मौसम ऐसे हैं जो जीवन को जीवंत कर देते हैं। खेतों में खुशाहाली, नदियों में पानी की भरमार, वादियों में मिट्टी की सोंधी खुशबू और इस दौर मैं परिवार के साथ घूमना पिकनिक मनाना एक अनूठा आनंद देता है। मगर एक बात का ध्यान रखें बरसात में नदी नाले तालाब से दूर रहें और हां मूसलाधार बारिश में तो बाहर नहीं निकले। घर में रहिए परिवार के साथ पकोड़े खाइए उससे भी आप तरोताजा हो जाएंगे।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्) ये लेखक के अपने विचार है I
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