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उपचुनाव : क्या मलैया के हाथों उकेरी जाएंगी सियासी लकीरें

Updated on 25-03-2021 10:48 AM
दमोह विधानसभा उपचुनाव के लिए सत्ताधारी दल भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अपने पत्ते खोल दिए हैं, जबकि अभी भाजपा नेता पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया और उनके परिवार को अपने पत्ते खोलना बाकी है। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा नेता जयंत मलैया को चुनावी शिकस्त देने वाले राहुल सिंह लोधी भाजपा टिकट पर और कांग्रेस टिकट पर  दमोह जिला कांग्रेस के अध्यक्ष रहे अजय टंडन एक दूसरे को चुनौती देंगे। 2018 के विधानसभा चुनाव में राहुल को विधानसभा पहुंचाने की जो पटकथा तैयार हुई उसमें अजय टंडन का महत्वपूर्ण किरदार था क्योंकि वे जिला कांग्रेस के अध्यक्ष थे। भाजपा को तो लोधी को ही उम्मीदवार बनाना था, क्योंकि वह अपनी विधायकी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे लेकिन कांग्रेस ने जिला कांग्रेस अध्यक्ष टंडन को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। कांग्रेस ने इसके साथ ही टिकट के दूसरे दावेदार मनु मिश्रा को जिला कांग्रेस का अध्यक्ष बनाकर एक तो भितरघात की संभावनाओं को न्यूनतम करने की कोशिश की है। वहीं दूसरी ओर इस बात की संभावना को भी लगभग खत्म कर दिया है कि नामांकन पर्चे दाखिल करने के आखरी दिन तक उम्मीदवार बदला जा सकता है। वैसे तो राजनीति में हमेशा चमत्कारों की संभावना बनी रहती है लेकिन फिर भी अधिक संभावना यही है नतीजों के बाद लोधी या टंडन में से ही कोई एक  विधानसभा में नजर आएगा। 
वैसे अभी बहुजन समाज पार्टी को अपने पत्ते पर खोलना शेष है, लेकिन बहुत कुछ पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा नेता जयंत मलैया तथा उनके परिवार की भूमिका पर यह निर्भर है कि  लोधी और टंडन में से किसकी विधानसभा जाने की राह वह आसान बनाएंगे, क्योंकि जयंत मलैया इस क्षेत्र के प्रभावशाली राजनेता हैं। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि दोनों का राजनीतिक भविष्य मलैया की मुट्ठी में बंद नजर आ रहा है और जब वह अपनी मुट्ठी खोलेंगे तब ही चुनावी परिदृश्य अधिक साफ हो सकेगा। इसलिए यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि क्या मलैया के हाथों दमोह उपचुनाव में उकेरी जाएंगी  सियासी लकीरें ?
क्या होगी जयंत मलैया की भूमिका
यह स्पष्ट होने के बावजूद कि भाजपा दमोह से लोधी को ही उम्मीदवार बनाएगी उसके बाद भी जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रहे थे इसलिए जब तक यह साफ नहीं हो जाता है कि सिद्धार्थ बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरेंगे या नहीं उस समय तक भाजपा चिंता मुक्त शायद ही हो पाए । केवल सिद्धार्थ का चुनाव मैदान में ना होना ही पर्याप्त नहीं होगा बल्कि आसान जीत के लिए भाजपा को मलैया परिवार को इस बात के लिए राजी करना होगा कि वह खुलकर लोधी के पक्ष में प्रचार करने मैदान में सक्रिय रहें ।
गोपाल भार्गव बने प्रभारी
मलैया परिवार भाजपा को किसी प्रकार की राजनीतिक क्षति न पहुंचा पाए इसलिए वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव को भी काफी पहले से प्रभारी बनाए गए मंत्री भूपेंद्र सिंह के साथ चुनावी शंखनाद होते ही प्रभारी बना दिया है क्योंकि भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव और सिद्धार्थ मलैया के बीच दोस्ताना संबंध हैं। दूसरा कारण यह भी है कि जयंत मलैया और गोपाल भार्गव के आपसी रिश्ते भी मधुर हैं तथा दमोह में ब्राह्मण मतदाता भी बहुतायत से हैं। इस कारण वह चुनाव परिणाम प्रभावित करने की क्षमता भी रखते हैं। अभिषेक भार्गव भाजपा युवा मोर्चा के दो बार प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुके हैं और युवाओं के बीच उनकी अच्छी खासी पकड़ है। अभिषेक विगत दिनों  सिद्धार्थ मलैया के साथ दमोह जिले में एक कार्यक्रम भी कर चुके हैं। गोपाल भार्गव के विधानसभा क्षेत्र की सीमाएं भी दमोह से मिलती हैं इसलिए भी उन्हें यहां का प्रभारी बनाया गया है। देखने वाली बात यही होगी कि जिस उद्देश्य से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने भार्गव को प्रभारी बनाया है वह पूरा होता है या नहीं। गोपाल भार्गव की अंचल में ब्राह्मण समाज में अच्छी खासी पकड़ है और उसका फायदा उपचुनाव में उठाने के मकसद से ही उन्हें भी प्रभारी बनाया गया है। जहां तक भाजपा की अंदरूनी राजनीति का सवाल है तो लोधी केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के काफी नजदीक है और उन्हें कांग्रेस से भाजपा में लाने में पटेल और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की विशेष भूमिका रही है। इस कारण उमा भारती और पटेल भी राहुल की जीत सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाएंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी इस चुनाव को पूरी गंभीरता से ले रहे हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि टंडन की उम्मीदवारी घोषित होते ही दूसरे दावेदार मनु मिश्रा को तत्काल कांग्रेस ने जिला अध्यक्ष का पद देकर नवाज दिया। अब मिश्रा की भी यह नैतिक जिम्मेदारी है है कि वह पूरी ताकत पार्टी को जिताने में लगाएं क्योंकि जिला अध्यक्ष होने के नाते जीत और हार दोनों के लिए एक बड़ी सीमा तक वही भी जिम्मेदार होंगे।
और अंत में...............
प्रदेश के परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने आज बुधवार को "मेरा मास्क-  मेरी सुरक्षा " के तहत होशंगाबाद रोड स्थित आईएसबीटी बस स्टैंड   में यात्रियों को मास्क पहनाए और इसके साथ ही यह चेतावनी भी दी कि यदि बस के अंदर कोई यात्री, ड्राइवर अथवा कंडक्टर बिना मास्क के मिला तो बस मालिक को जिम्मेदार मानते हुए  उसके विरुद्ध वह कार्रवाई करेंगे। राजपूत ने कहा कि आज तो वह मास्क  वितरित कर रहे हैं परंतु अगली बार बस चेकिंग के दौरान बस का परमिट, बीमा एवं फिटनेस की चेकिंग की जाएगी और जब तक कोरोना संक्रमण खत्म नहीं हो जाता बस मालिक मास्क को भी आवश्यक परिपत्र समझें। राजपूत ने यह भी साफ किया कि यात्रियों की जान से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा क्योंकि  बसों में  कई लोग एक साथ यात्रा करते हैं जिससे कोरोना फैलने का खतरा रहता है, इसलिए बसों में मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने आज कुछ बसों का निरीक्षण किया। राजपूत ने पिछले दिनों में ओलावृष्टि से पीड़ित किसानों को यह आश्वासन भी दिया कि क्षतिपूर्ति का संपूर्ण आंकलन होने के बाद किसानों को मुआवजा राशि दी जाएगी । इस प्रकार ऐसा कहते हुए उन्होंने निराश किसानों के मन में आशा की एक नई किरण पैदा करने की कोशिश की है ।
अरुण पटेल, लेखक                                                                 ये लेखक के अपने विचार है I 
प्रबंध संपादक, सुबह सवेर  
कार्यकारी संपादक अमृत संदेश

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