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उपचुनाव: "राहुल" की विधानसभा जाने की राह रोक पाएंगे "वैभव" ?

Updated on 07-04-2021 12:29 PM
दमोह विधानसभा उपचुनाव में  प्रचार अभियान धीरे-धीरे गति पकड़ने लगा है और भाजपा- कांग्रेस नेता अपने-अपने प्रत्याशियों की जीत के लिए एड़ी- चोटी का जोर लगाने लगे हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने हर बूथ पर पार्टी उम्मीदवार की जीत का लक्ष्य सामने रखकर अपनी गोटियां बिठाना प्रारंभ कर दिया है। वहीं दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की कोशिश है कि हर हाल में इस सीट पर कांग्रेस फिर एक बार जीत का परचम लहराए। वैसे तो 22 उम्मीदवारों के चुनाव मैदान में होने के बावजूद एक प्रकार से सीधी चुनावी लड़ाई भाजपा के राहुल सिंह और कांग्रेस के अजय कुमार टंडन के बीच है, लेकिन एक सवाल का उत्तर मतगणना से ही मिल सकेगा कि राहुल सिंह के विधानसभा पहुंचने की राह उनके चचेरे भाई वैभव सिंह बतौर निर्दलीय उम्मीदवार रोकने में सफल होंगे या नहीं ? हाथों में नई चप्पल थामें हुए वह कह रहे हैं कि उनका उद्देश्य खुद चुनाव जीतना से अधिक दलबदलू राहुल सिंह को चुनाव में हराना है, उनका चुनाव चिन्ह चप्पल है। भाजपा इसे कोई बड़ी चुनौती मान कर नहीं चल रही है और उसे भरोसा है कि इससे लोधी वोट बैंक पर कोई ऐसा असर नहीं पड़ेगा जो कि चुनावी समीकरण को गड़बड़ा सके ।
        कांग्रेस ने इस बात को लेकर राहत की सांस ली थी कि बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं इसका फायदा उसके उम्मीदवार को मिलेगा लेकिन निर्दलीय और कुछ हमनाम उम्मीदवारों ने भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों की दिलों की धड़कन इसलिए बढ़ा दी है कि यह उम्मीदवार अंततः किसका चुनावी खेल बिगाड़ेंगे। दमोह चुनाव परिणाम का शिवराज सरकार की सेहत पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है और यदि भाजपा एक सीट और जीत जाती है तो सरकार को और मजबूती मिलेगी और उसके साथ ही साथ अभी तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जो कार्य किए हैं उन्हें जनता की स्वीकृति मिल जाएगी। लेकिन यदि कांग्रेस अपनी सीट नहीं बचा पाती है तो फिर उसकी मुसीबत कम होने की जगह कुछ और बढ़ जाएंगी, इसलिए यह सीट जीतना कमलनाथ के लिए अधिक जरूरी है यही कारण है कि उपचुनाव में उनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।
        भाजपा और कांग्रेस के अलावा एक निर्दलीय प्रत्याशी वैभव सिंह भी चटकारेदार चर्चा का विषय बने हुए हैं। वह खुद तो चुनाव नहीं जीतेंगे लेकिन भाजपा उम्मीदवार राहुल सिंह की जीत में इस समय सबसे बड़ा रोड़ा बने हुए हैं पर क्या मतदान के समय तक रोड़ा बने रहेंगे ? यह तो मतगणना से ही पता चल सकेगा। निर्दलीय उम्मीदवार का चुनाव चिन्ह चप्पल है और चूंकि दोनों चचेरे भाई हैं और लोधी समाज के हैं इसलिए उनको जितने भी वोट मिलेंगे वह वोट राहुल सिंह के ही कम होंगे। पर लाख टके का सवाल यही है कि आखिर कितने वोट वैभव सिंह को मिल पाएंगे।  इसलिए राहुल लोधी को भाजपा के बड़े नेताओं के साथ ही साथ केंद्रीय मंत्री पहलाद पटेल और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के द्वारा सघन प्रचार करने की दरकार रहेगी। दोनों ही बड़े लोधी नेता हैं। कांग्रेस ने भी विरोधी वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए राम सिया भारती को स्टार प्रचारक बनाया हुआ है। 
हमनाम उम्मीदवार क्या बिगाड़ेंगे खेल?
      भाजपा और कांग्रेस के लिए साख का सवाल बने दमोह चुनाव को जीतने के लिए दोनों पार्टियां एक दूसरे का खेल बिगाड़ने के लिए पूरी ताकत लगा रही हैं। शायद यही कारण है कि चार-चार हमनाम उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं इसलिए क्या यह निर्दलीय उम्मीदवार भाजपा और कांग्रेस का चुनावी गणित बिगाड़ने में कोई महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर पाएंगे यह मतगणना से ही पता चल सकेगा। इस कारण भाजपा के राहुल सिंह और कांग्रेस के अजय कुमार टंडन अंदर ही अंदर कुछ डरे हुए हैं। दोनों को आशंका है कि कहीं डमी के चक्कर में उनका अपना वोट का गणित ना  बिगड़ जाए। टंडन के नाम के 4 हमनाम उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, भाजपा के राहुल सिंह का खेल बिगाड़ने के लिए चार राहुल चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं। कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर को इसमें भाजपा का चुनावी हथकंडा नजर आ रहा है।
क्या नंगे पैर रहेंगे वोटर और अधिकारी?
          निर्दलीय उम्मीदवारों को जूता और चप्पल चुनाव चिन्ह मिलने के बाद एक निर्दलीय उम्मीदवार ने यह आपत्ति लगाई है कि अब मतदान केंद्र से 100 मीटर के दायरे में कोई भी मतदाता और मतदान अधिकारी जूते चप्पल पहन कर ना आए और नंगे पांव आए। यह सुझाव दिया गया है कि रेड कारपेट बिछाया जाए ताकि धूप के कारण पैर ना जलें। यह मांग निर्वाचन अधिकारी को दिए गए आवेदन में की गई है। यदि कोई जूते चप्पल पहन कर आता है तो उसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जाए। ऐसी परिस्थितियों में निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव आयोग से मार्गदर्शन चाहा है। देखा जाए तो  यह मांग अटपटी  है क्योंकि कांग्रेस का चुनाव चिन्ह तो हाथ का पंजा है और वह तो हर चुनाव में मतदान केंद्र के अंदर तक । आवेदन में यह भी कहा गया है कि 17 अप्रैल को मतदान के दिन तेज गर्मी होगी इसलिए रेड कारपेट के साथ ही साथ धूप से बचाने के लिए टेंट और ठंडे पीने के पानी की व्यवस्था प्रत्येक मतदान केंद्र  में की जाए। फिलहाल निर्वाचन आयोग के परामर्श के बाद निर्वाचन अधिकारी आगे की कार्रवाई करेंगे।
और अंत में...........
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा तो एक प्रकार से दमोह क्षेत्र में ही फिलहाल डेरा डाले हुए हैं तो अन्य भाजपा नेता और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी जल्दी प्रचार अभियान में आने वाले हैं। कमलनाथ कल बुधवार 7 अप्रैल को दो चुनावी सभाएं करने वाले हैं तो वहीं दूसरी ओर 10 अप्रैल से पूर्व मुख्यमंत्री सांसद दिग्विजय सिंह क्षेत्र में सक्रिय रहेंगे तथा कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक 12 अप्रैल को दमोह में प्रचार करेंगे। जैसे-जैसे गर्मी के कारण तपन बढ़ रही है उसके साथ ही साथ चुनावी पारा भी ऊपर की ओर बढ़ता जाएगा। 15 अप्रैल की शाम को राजनीतिक तापमान अपने चरम पर पहुंचने के साथ ही थम जाएगा।
अरुण पटेल, लेखक                                                                 ये लेखक के अपने विचार है I 
प्रबंध संपादक, सुबह सवेर  
कार्यकारी संपादक अमृत संदेश

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