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उपचुनाव : कांग्रेस फिर बिकाऊ बनाम टिकाऊ के मुद्दे पर मैदान में

Updated on 26-03-2021 01:58 PM
विधानसभा उपचुनाव के शंखनाद के बाद आज पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की दमोह में आमद के साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश की लहर फैल गई है। 28 विधानसभा उपचुनाव की तरह इस उपचुनाव में भी कांग्रेस बिकाऊ बनाम टिकाऊ के मुद्दे को उछाल कर चुनावी बाजी अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस फिर से एक बार अपनी जीत का परचम लहराने के लिए वही काठ की हांडी चढ़ा रही है जो पिछले साल 28 विधानसभा उपचुनाव में बुरी तरह झुलस चुकी है। उसके इस मुद्दे पर इन उपचुनावों में मतदाताओं ने कोई विशेष ध्यान नहीं दिया था और इसके सहारे कांग्रेस ने अपनी जीत का जो ताना-बाना बुन रखा था उसे भी छिन्न-भिन्न कर दिया था । वैसे तो यह पुरानी कहावत है कि काठ की हांडी बार -बार नहीं चढ़ती है, पर इस बार फिर से उसे चढ़ाने से कांग्रेस को क्या फायदा होगा यह तो वही अच्छे से बता सकती है , लेकिन फिलहाल लगता है उसके रिकॉर्ड की सुई यहीं आकर फंस गई है। देखने वाली बात यही  होगी कि इस बार कांग्रेस को इससे कोई फायदा होगा या नहीं। 
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने यह कहते हुए कि दमोह चुनाव मलैया परिवार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा भाजपा में किसी प्रकार के भितरघात पर काबू पा लेने का साफ-साफ संकेत दे दिया है।  शर्मा ने कहा है कि जयंत मलैया पार्टी  के सीनियर नेता हैं और  सिद्धार्थ भी भाजपा की जीत के लिए जुटे हुए हैं। उन्होंने मलैया परिवार की नाराजगी का खंडन करते हुए दावा किया है कि दमोह उपचुनाव में भाजपा हर बूथ पर जीतेगी और राहुल लोधी ही पार्टी के उम्मीदवार होंगे। दमोह में पत्रकारों से चर्चा करते हुए  सिद्धार्थ मलैया ने भी कहा है कि मलैया परिवार से कोई भी उप चुनाव नहीं लड़ेगा और हम पार्टी का काम करेंगे। सिद्धार्थ ने कहा है कि अपने पिता जयंत मलैया के कहने और पार्टी नेतृत्व के निर्देश के बाद वह चुनाव नहीं लड़ेंगे तथा पार्टी प्रत्याशी के साथ ही मिलकर काम करते हुए उन्हें पूरा सहयोग देंगे। इस प्रकार अब कहा जा सकता है कि राहुल लोधी की विधानसभा में पहुंचने की राह में मलैया परिवार स्पीड ब्रेकर नहीं बनेगा अपितु सहयोग ही करेगा।  इस प्रकार अब दमोह चुनाव में चुनावी लड़ाई को कांटेदार बनाने के लिए कांग्रेस को एड़ी चोटी का जोर लगाना होगा।
सौदेबाजी की राजनीति स्वीकार नहीं - कमलनाथ
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि दमोह उपचुनाव का नतीजा देश को संदेश देने वाला होगा कि यहां की जनता सौदेबाजी की राजनीति को स्वीकार नहीं करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान घोषणाओं के मास्टर हैं और उनसे चुनाव में कोई भी घोषणा करवा लो, उपचुनाव पर वे दमोह में भी आकर झूठी घोषणाएं करेंगे। कमलनाथ ने आज दमोह उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन के नामांकन दाखिल करने के पूर्व एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि दमोह उपचुनाव के माध्यम से हम यह तय करेंगे कि हमें किस रास्ते पर जाना है तथा हमें ईमानदार राजनीति पसंद है या सौदेबाजी की राजनीति पसंद है। उन्होंने मतदाताओं से माफी मांगते हुए कहा कि वर्ष 2018 में हमने आपको जो उम्मीदवार दिया, उसके बारे में हमें नहीं पता था कि वह क्षेत्र की जनता के विश्वास के साथ सौदेबाजी करेगा।कमलनाथ ने मतदाताओं से आग्रह किया कि उन्हें भाजपा  और शिवराज की इस झूठ की राजनीति को पहचानना होगा। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों की चर्चा करते हुए कमलनाथ ने कहा कि किसान विरोधी काले कानून ले आए हैं और किसानों पर जबरदस्ती यह काले कानून थोपना चाहते हैं। हर चीज का निजीकरण करने में लगे हुए हैं। इन तीन काले कानूनों से एमएसपी खत्म होगी, जमाखोरी -कालाबाजारी को बढ़ावा मिलेगा, मंडी व्यवस्था खत्म होगी। उन्होंने कहा कि एमएसपी की शुरुआत इंदिरा गांधी और कांग्रेस ने की थी तथा अब कांट्रेक्ट फॉर्मिग से किसान बंधुआ मजदूर बनेगा व किसान बर्बाद होगा।
वन बूथ-फाइव यूथ का संकल्प
भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.कैलाश जाटव ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रवास कर जिला बैठकों में अजा बस्तियों को मजबूत करने का मोर्चा के कार्यकर्ताओं से आव्हान करते हुए मोर्चा कार्यकर्ताओं को वन बूथ-फाइव यूथ का संकल्प दिलाया। डॉ. जाटव ने कहा कि अनुसूचित जाति मोर्चा प्रदेश के सभी बूथों पर मोर्चा के पांच पांच कार्यकर्ता तैनात कर आगामी नगर निगम, नगर पालिका एवं पंचायत चुनाव में कांग्रेस को परास्त करने का काम करेगा। डॉ. जाटव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलायी है। इन योजनाओं का लाभ प्रत्येक ग्राम, केन्द्र और नगर केन्द्र के बूथ तक पहुंचे यह जिम्मेदारी मोर्चा कार्यकर्ता की है। उन्होंने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने जो स्वप्न देखा था उसे भाजपा सरकार पूरा कर रही है। डॉ. जाटव अपने संगठनात्मक प्रवास के दौरान प्रदेश के सभी दस संभाग एवं 56 संगठनात्मक जिलों में बैठकें कर मोर्चा को जमीनी स्तर तक सक्रिय कर चुके है।  
और अंत में..............
दमोह चुनाव के कांग्रेसी प्रत्याशी अजय टंडन का कहना है कि दमोह की जनता ने अपना मताधिकार बिकते हुए देखा है और अब वह सबक सिखाने को तैयार है। यहां पर मुकाबला बिकाऊ और टिकाऊ के बीच रहेगा। मतदाताओं ने कांग्रेस को मौका देने का मन बना लिया है और चुनावी  लड़ाई ईमानदारी बनाम बेईमानी की है। भाजपा के राहुल लोधी का कहना है कि मैं बिकाऊ नहीं हूं अपितु क्षेत्र के विकास के लिए भाजपा में गया हूं। भाजपा सरकार ने दमोह के लिए मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति दी है। उनके इस दावे के संबंध में अजय टंडन का कहना है की मेडिकल कॉलेज की घोषणा तो छतरपुर में भी ढाई साल पहले कर दी गई थी परंतु  वहां अभी तक एक भी ईंट नहीं लगी है ।
अरुण पटेल, लेखक                                                                 ये लेखक के अपने विचार है I 
प्रबंध संपादक, सुबह सवेर  
कार्यकारी संपादक अमृत संदेश

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