वैसे तो हर साल गांधी जयंती धूमधाम से मनाई जाती है और नशामुक्ति का संकल्प लेने की भी परिपाटी सी है। सामान्यतः तो यह देखने में आया है कि ज्यादातर ये रस्म अदायगी ही होती है। एक तरफ सरकारें नशाबंदी अभियान छेड़ने की बात करती हैं वहीं दूसरी ओर शराब की दुकानें भी धड़ल्ले से खुल रही हैं, यहां तक कि कुछ राज्यों में उसका प्रचार भी जोरशोर से होता है। इस बार मध्यप्रदेश में कुछ अलग ही माहौल था और नशाबंदी के लिए अनेक आयोजन सरकारी व निजी दोनों स्तरों पर हुए। योगगुरु रामदेव भी कल राजधानी भोपाल के लाल परेड ग्राउंड मैदान में हुए एक सरकारी कार्यक्रम में मौजूद थे ।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नशामुक्ति के खिलाफ जोरदार ढंग से जन-आंदोलन चलाने की बात कही और साथ ही हुक्का लाउंज पर बुलडोजर चलाने का निर्देश भी अधिकारियों को दिया। इन दिनों महानगरों की शक्ल लेते शहरों में ही नहीं अपितु अर्ध-शहरी क्षेत्रों तक हुक्का लाउंज चल रहे हैं और ये सभी अवैध रुप से चलते हैं। इन्हे चलाने वालों को कानून का न ही कोई डर है और न ही अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान है। किशोर व युवा पीढ़ी जिसमें छात्र-छात्राएं दोनों शामिल हैं शाम होते ही ऐसे लाउंज की ओर चल पड़ते हैं। मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती पिछले कुछ समय से नशाबंदी को लेकर अभियान छेड़े हुए हैं और शुरु में उन्होंने एक दुकान पर पत्थर फेंक कर अपना विरोध प्रकट भी किया था। बाद में उन्होंने इसके लिए महिलाओं के सहयोग से जन-जागरण प्रारंभ करने का इरादा व्यक्त किया और यदाकदा ऐसा करती नजर भी आती हैं। राजधानी भोपाल में गांधी जयंती के अवसर पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम में नशामुक्ति अभियान का आगाज करते हुए शिवराज ने कहा कि नशामुक्ति जागरुकता अभियान निरन्तर चलेगा। मध्यप्रदेश की धरती पर हुक्का लाउंज जैसी चीज नहीं चलेगी और यदि जरुरत पड़ी तो बुलडोजर चलाकर इन्हें ध्वस्त कर देंगे। इसके साथ ही उन्होंने अपनी सरकार की तरफ से यह संकल्प लिया कि नशे का अवैध कारोबार करने वालों पर चौतरफा प्रहार करेंगे और कठोरतम कार्रवाई होगी। नशामुक्ति के लिए कोई कोर-कसर नहीं रखेंगे। दो अक्टूबर से प्रारंभ यह अभियान 30 नवम्बर तक चलेगा। मंच से नशामुक्ति की शपथ लेने वालों में डॉ. चिन्मय पंड्या, कमलेश पटेल, रामदेव, उमा भारती, शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार शामिल थे। इनके साथ ही वहां उपस्थित जनसमुदाय ने भी शपथ ली। मुख्यमंत्री ने कथाकारों और प्रवचन कर्ताओं से अपेक्षा की है कि वे हर कथा से पहले और बाद में नशामुक्ति की शपथ दिलायें। शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों को भी सबक सिखाया जायेगा। हम गंभीर प्रयास करेंगे लेकिन सरकार अकेली कुछ नहीं कर सकती, इसके लिए समाज को भी साथ खड़े होना होगा। उमा भारती ने युवतियों से अपील की कि कुंवारी रह जाना लेकिन शराबी-नशीड़ी से शादी मत करना। शराब दुकान पर पत्थरबाजी की घटना को लेकर उमा भारती ने कहा कि मेरे हाथ में पत्थर आ गया, शराब की बोतलें तोड़ी तब मैंने कहा था कि एफआईआर कराओ, लेकिन दुकानदार श्रद्धा रखता था, कई लोगों ने भी मुझसे कहा कि मैं पूर्व मुख्यमंत्री हूं ऐसा क्यों किया। मैं कहती हूं यह अपराध है परन्तु दुष्यन्त कुमार की पंक्तियां कि ‘‘कौन कहता है कि आसमां में सूराख नहीं होता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों‘‘ यही मेरी सोच थी। भोपाल लोहिया सदन में आयोजित उपवास के अवसर पर समाजवादी चिंतक, विचारक व लेखक रघु ठाकुर ने दिल्ली का उदाहरण देते हुए कहा कि वे सुबह घूमने निकले तो बच्चे लोग शराब का पाउच लेकर पी रहे थे, पता करने पर उन्हें ज्ञात हुआ कि सरकार ने दस रुपये का एक बाल पाउच भी निकाल दिया। हर स्कूल के आसपास व खेलने वाले मैदान के आसपास और पान व चाय की गुमटियों में यह आसानी से मिल रहा है। सरकारों को यह सोचना चाहिए कि इस प्रकार क्या हम देश की भावी पीढ़ी और भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर रहे। उन्होंने सरकारों से यह अपेक्षा की है कि वह शराबबंदी करे और अपनी अर्थव्यवस्था की चिन्ता न करे। यदि प्रत्येक व्यक्ति पर 10 रुपये का अतिरिक्त कर लगा दिया जायेगा तो वह आसानी से दे देगा क्योंकि इससे नशाखोरी की प्रवृत्ति पर रोक लगाने में मदद मिलेगी।
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