इंसान के शरीर में भी यह सब गुण मौजूद है जिससे आप अपना स्वयं का इलाज कर सकते हैं। चिंताजनक बात यह रही कि हमें इस शिक्षा को कम पढ़ाया गया या यूं कहो कि यह पढ़ाया ही नहीं गया, जबकि यह शिक्षा प्राइमरी से हाई सेकेंडरी के बीच में दी जानी चाहिए थी ताकि जीवन भर काम आती रहे। सभी जानते हैं कि जब शरीर की हड्डी टूटती है तो हॉस्पिटल में सिर्फ पट्टा चढाया जाता है और हड्डी हमारा शरीर ही जोड़ता है। कई बीमारियां हमारी अनियमित और अस्त व्यस्त दिनचर्या और हमारा खान-पान पर भी कोई नियंत्रण नहीं होने से होती है। खाना शरीर को पोषण तभी देता है जब आप उसे पचाने की क्षमता रखते हो। अतः खानपान बिल्कुल नियमित और नियंत्रित रहे। समय-समय पर पानी पीते रहें, भूख लगने पर खाना खाते रहे। एक बैठक में ढेर सारा खाना नहीं खाएं। सुबह नाश्ता भरपूर करें और अधिक मात्रा में सब्जी फ्रूट ड्राई फ्रूट और पोस्टिक जूस पिए, अन्न का भोजन दोपहर में एक बार करें, शाम का खाना हल्का फुल्का जल्दी पचने वाला सूर्यास्त के आसपास खाये। उसके बाद कम से कम दस बारह घंटे का फास्टिंग रखे। ध्यान रखें कि भूखे पेट नहीं सोना चाहिए। जल्दी सोना सुबह जल्दी उठना प्रकृति का वातावरण आपके शरीर को बहुत ऊर्जा देता है।।
आप गौर करें आपको बीमारी क्या है डायबिटीज, बीपी प्रॉब्लम, सर्दी जुकाम, बुखार, सर दर्द खांसी या अन्य क्या तकलीफ है। और यह कब से है, और कैसे होना शुरू हुई इस पर यदि आप थोड़ा ध्यान कर लेंगे तो आपको इन बीमारियों को ठीक करने में बहुत आसानी हो जाएगी। अधिकतर बीमारियों का कारण तनाव, गरिष्ठ खाना और शारीरिक एक्सरसाइज या मेहनत कम होना है। सब्जी, फ्रूट और छाछ अपने आहार में प्रचुर मात्रा में लें और सुबह शाम नियमित रूप से विस्तृत बिस से तिस चालिस मिनट वाॅक करें। आपकी अनेक बीमारियां स्वतः दूर हो जाएगी। कई बार आपके मन में आलस आएगा, आज नहीं वाॅक करूं पर यह आलस आपकी तकलीफ बढ़ाएगा। बिस्तर से उठने से पहले बिस्तर पर ही अपने हाथ पैर, शरीर को इधर से उधर करवट दे और जितने जॉइंट है उनको खोलने की कोशिश करें, फिर उठे। अपने बिस्तर खुद समेटे जितना हो सके घर का काम, गार्डनिंग आदि करते रहै, शरीर से कुछ न कुछ काम कराते रहे। बड़े बुजुर्ग से या इंटरनेट से आप यह जानकारी प्राप्त कर लें कि आपको जब भी कोई बीमारी है तो किस चीज का परहेज रखना है और क्या आपको खाना है। बहुत सारे मसाले आपको किचन में मिल जाएंगे जो आपकी बीमारी को मिटाने में आपकी मदद करते है। केमिकल दवाइयों का उपयोग अत्यधिक आवश्यकता होने पर ही करें घरेलू इलाज पर ज्यादा ध्यान दें।
अपने आप को कभी भी बीमार ना समझे और किसी को भी अपनी बीमारी बढ़ा चढ़ाकर बताने की आदत छोड़ दें हमेशा यही सोचे मै बीमार नहीं हूं। बिना वजह के तनाव या दूसरों के अवगुणों पर चर्चा ना करें जिस विषय से आपका कोई लेना-देना ना हो उस विषय के बारे में ना अखबार पढ़ें ना टीवी देखें।
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