क्या दिन थे वो,कभी कक्षा में मुर्गा बनना,कभी बेंच पर कान पकड़कर खड़े होना सहपाठियों के सामने शर्म से नज़रे झुकाना,कभी कक्षा के बाहर कान पकड़कर खड़े होना,बाहर से कक्षा में बैठे दोस्तों को इशारे से बाहर बुलाना,खुद की पिटाई के लिए कनेर पेड़ की लकड़ी तोड़कर लाना,कक्षा में कान पकड़कर उठक बैठक लगाना,मस्साहब के द्वारा कान पकड़कर दो चार तमाचे मारना, फिर मस्साहब का प्यार से समझाना,जैसे इस दौर में पैरंट्स टीचर मीटिंग होती है,पहले पेरेंट्स टीचर मीटिंग नहीं होती थी, शिक्षक छात्रों के घर जाते थे,घर पर माता पिता के सामने छात्र की कक्षा में कारगुज़ारी माता पिता को बताई जाती थी,और गुरु जी के सामने ही पिटाई का दौर शुरू हो जाता था । कितने अच्छे दिन थे वह कितने सच्चे दिन थे वह, कहां गई वह गुरु शिष्य की परंपरा,कहां खो गई यह परंपरा । एक दौर था जब माँ-बाप गुरु से बोलते थे,बच्चे की चमड़ी आपकी और हड्डी हमारी, इसका मतलब यह होता था,बच्चे की पढ़ाई के दौरान गुरु को पूरी छूट होती थी, वह बच्चों की गलती पर पिटाई कर सकें पर इस दौर में गुरु और शिष्य के रिश्ते में वह मिठास कहां अगर गुरु अपने शिष्य को गलती होने पर डांट दे तो बच्चों के माँ-बाप फौरन गुरु की शिकायत लेकर स्कूल पहुंच जाते हैं,और अगर गलती से गुरु अपने शिष्य की पढ़ाई को लेकर पिटाई कर दे तो यह मामला सीधे पुलिस कचहरी में पहुंच जाता है,और इसकी शिकायत बाल आयोग तक में पहुंच जाती है । एक वो ज़माना था और आज यह ज़माना है,पहले गुरु को भगवान की तरह पूजा जाता था,आज शिष्य अपने गुरु को जेब में रखकर घूमते हैं ।
हर सिक्के के दो पहलू होते हैं,इस दौर में पहले जैसे शिष्य नहीं है तो पहले जैसे गुरु भी नहीं । बहुत सारी ऐसी घटनाएं इस दौर में हो रही है जिसने गुरु और शिष्य के पवित्र रिश्ते को दागदार किया है । ऐसा नहीं है पांचों उंगली बराबर होती है इस दौर में भी आज्ञाकारी शिष्य मौजूद है तो पूजनीय गुरु भी है। कुछ घटनाओं को पढ़कर और सुनकर विश्वास नहीं होता पूजनीय गुरु भी ऐसा कर सकते हैं,पर यह कड़वी सच्चाई है, कुछ घटनाएं में आपको बताता हूं हरियाणा के जिंद जिले की घटना है, एक अध्यापक ने अपनी छात्रा को फेल करने की धमकी देकर छात्रा से किया रेप,अध्यापक ने तबादला होने के बाद भी छात्रा का अपहरण किया और उसके साथ रेप किया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना 2017 की हैं ।
दूसरी घटना राजस्थान के जोधपुर की है वर्ष 2021 जून का महीना
छठी क्लास की छात्रा के साथ स्कूल में ही शिक्षकों ने किया रेप,
जोधपुर में एक नाबालिग स्कूली छात्रा के साथ रेप का मामला सामने आया था,स्कूल परिसर में दो शिक्षकों ने बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाया,पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। यह घटना शेरगढ़ थाने के अंतर्गत मोकमगढ़ क्षेत्र की हैं, एक उच्च प्राथमिक विद्यालय की बताई जा रही है,पीड़िता छात्रा ने बताया कि आरोपी टीचर उसे बार-बार फेल करने की धमकी देकर गंदा काम करते थे ।
तीसरी शर्मसार करने वाली घटना
2020 दिसंबर,राजस्थान के बूंदी क्षेत्र की है। राजस्थान के बूंदी शहर में अध्यापक ने 9वीं कक्षा
की छात्रा से कई बार बलात्कार किया और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया करता था ।
पुलिस ने पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया । छात्रा 9वीं क्लास में पढ़ती है और शिक्षक तीसरी क्लास को पढ़ाता था,वो छात्रा को डरा-धमका कर बलात्कार करता था ।
गुरु और छात्र का संबंध पाक साफ होता है पर यह समय कलयुग का चल रहा है ।
गुरु ऐसा पारस है कि शिष्य को अपने से भी श्रेष्ठ बना देता है। गुरु-शिष्य का संबंध एक जन्म का नहीं होता,जन्म-जन्मान्तरों का होता है। गुरु और शिष्य के बीच केवल ज्ञान का ही आदान प्रदान नहीं होता बल्कि गुरु अपने शिष्य के संरक्षक के रूप में भी कार्य करता हैं । गुरु उसका कभी नुकसान नहीं पहुंचा सकता यही विश्वास गुरु के प्रति उसकी अपार श्रद्धा और समर्पण का कारण रहा है।
जीवन की पहली गुरू
मेरी माँ है ,
जिसने सिर्फ कलम
पकड़ना ही नही सिखाया,
बल्कि कलम के सहारे आत्मसम्मान और निडरता
से जीना भी सिखाया ।
मोहम्मद जावेद खान, लेखक , संपादक ये लेखक के अपने विचार है I
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