Select Date:

आदिवासियों को साधने की मशक्कत करती भाजपा

Updated on 26-02-2023 04:06 PM
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में सत्ता का रास्ता आदिवासियों व दलितों के बीच से होकर गुजरता है इसलिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही आदिवासियों को साधने में लगे हैं। सतना में आयोजित कोल महाकुंभ में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जहां कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा तो वहीं दूसरी ओर उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि कांग्रेस ने आज तक किसी आदिवासी को राष्ट्रपति नहीं बनाया जबकि भाजपा ने आदिवासी बेटी द्रोपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाया है। आदिवासियों पर कांग्रेस ने 24 हजार करोड़ रुपये खर्च किए थे तो हमने 89 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इस प्रकार उन्होंने आदिवासी समाज के बीच यह रेखांकित करने की कोशिश की है कि भाजपा आदिवासियों की सबसे बड़ी हितचिंतक और सच्ची हितैषी  है। वहीं छत्तीसगढ़ की धरा से कांग्रेस राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनाव की दृष्टि से आम जनमानस को अपना नजरिया, दिशा तथा गठबंधन की राजनीति का स्वरुप क्या होगा, इस पर दोटूक संदेश देने जा रही है। कांग्रेस का रायपुर में हो रहा 85वां महाधिवेशन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे एक केंद्रीय स्वर यह उभर कर सामने आया है कि कांग्रेस जातिगत जनगणना के पक्ष में खड़ी नजर आ रही है और वह कांग्रेस संगठन को एक नया स्वरुप, नई ऊर्जा व एक नई ताकत देने के लिए आदिवासियों, दलितों, युवाओं और महिलाओं को संगठन के विभिन्न पदों में 50 प्रतिशत तक आरक्षण देने का अपना इरादा जाहिर कर रही है। कांग्रेस का प्रयास अब यही भी होगा कि लोकसभा और विधानसभा के चुनावों में कम से कम आधे उम्मीदवार 50 साल की उम्र तक के ही बनाए जाएं ।कांग्रेस कार्यसमिति के चुनाव नहीं होंगे और अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे उनका मनोनयन करेंगे। कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यसमिति में सदस्यों को बढ़ाने सहित पार्टी संविधान में संशोधन के लिए कुछ प्रस्ताव भी महाधिवेशन में पारित किए जा रहे हैं। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व प्रधानमंत्री कांग्रेस कार्यसमिति यानी सीडब्ल्यूसी के आजीवन सदस्य रहेंगे। इस प्रकार सोनिया गांधी, राहुल गांधी और डॉ. मनमोहन सिंह कार्यसमिति के आजीवन सदस्य बन जायेंगे और आगे जो भी पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री बनेंगे वह भी आजीवन सदस्य हो जाएंगे ।
      मध्यप्रदेश के 30 विधानसभा क्षेत्रों और 24 लाख आदिवासी मतदाताओं वाले इलाके विंध्य अंचल से गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार  24 फरवरी को एक प्रकार से चुनावी बिगुल फूंक दिया है। यही कारण रहा कि उनके निशाने पर कांग्रेस रही। 2018 के विधानसभा चुनाव में विंध्य अंचल में भाजपा को काफी सफलता मिली थी और कांग्रेस को यहां धीरे से जोर का झटका लगा था, जबकि यह इलाका पूर्व में तीखे समाजवादी तेवरों और कांग्रेस की मजबूत पकड़ वाला माना जाता रहा था। यहां पर 30 में से 23 विधायक भाजपा के हैं। भाजपा का प्रयास है कि वह अपनी सफलता को पूरी ताकत लगाकर और अधिक आगे बढ़ाये जबकि कांग्रेस का प्रयास यह है कि इस इलाके में फिर से सेंध लगाकर अपनी खोई उर्वरा जमीन को हासिल करें। शबरी महाकुंभ में अमित शाह का जोर इस बात पर था कि आदिवासियों को यह अहसास दिलाया जाए कि उन्हें उचित सम्मान भाजपा ने ही दिया है। उनका कहना था कि 70 साल में कभी भी जनजाति के बेटे-बेटियों को राष्ट्रपति नहीं बनाया गया। देश के सर्वोच्च पद पर द्रोपदी मुर्मू को आसीन कर भाजपा ने समग्र जनजाति के प्रति सम्मान प्रदर्शित किया है। उनका कहना था कि भाजपा ने 200 करोड़ रुपये खर्च कर जनजाति वर्ग के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सम्मान में 10 स्मारक बनाये हैं। ऊपर नरेन्द्र मोदी और नीचे शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा सरकार है, जिसका उद्देश्य  आदिवासियों को सुख पहुंचाना है। इसलिए एक बार फिर से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनायें। शाह का दावा है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा दो तिहाई बहुमत से अपनी सरकार बनायेगी। 
    अमित शाह ने शिवराज की जमकर तारीफ करते हुए उन्हें गरीबों का हितैषी व राज्य का सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री निरूपित करते हुए कहा कि  पिछली बार जब मैं जबलपुर आया था तो मुख्यमंत्री ने 14 घोषणाएं की थीं, मुझे लगा था कि मेरी उपस्थिति में शिवराज जी घोषणाएं कर रहे हैं और यदि पूरी नहीं हुईं तो आदिवासी भाई-बहन मुझे पकड़ेंगे, लेकिन आज उन्हें पूरा करने का शिवराज ने हिसाब दे दिया है और यही भाजपा की विशेषता है। यह सरकार आदिवासियों, पिछड़ों व गरीबों की सरकार है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में थोड़े समय के लिए पंजे की सरकार आई थी जिसने जनजाति समाज के भले के लिए बनाई गई शिवराज सरकार की योजनाओं को बंद कर दिया था, लेकिन उनकी सरकार गिर गयी तो शिवराज ने फिर से योजनायें आरंभ की हैं। 
एक-दूसरे से सवाल पूछते ‘‘शिव और कमल‘‘
     पिछले कुछ समय से मध्यप्रदेश की राजनीति में एक सवाल तुम करो एक सवाल मैं करुं का सिलसिला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच अभी भी निरंतर जारी है। शिवराज ने शुक्रवार  24 फरवरी को कमलनाथ से सवाल किया कि आपने वायदा किया था कि संभाग स्तर पर कन्याओं के लिए आवासीय खेल स्कूल खोले जायेंगे, आपने वह वायदा क्यों नहीं निभाया, क्या आपने संभागीय स्तर पर एक भी स्कूल खोला और यदि नहीं खोला तो झूठ क्यों बोलते हो, क्यों भ्रम फैलाते हो। इस पर पलटवार करने की बारी कमलनाथ की थी और उन्होंने सवाल कर डाला कि खजुराहो में एक बहन ने मुख्यमंत्री से सवाल पूछा था कि रोजगार दीजिए, पेंशन दीजिये, लेकिन आप मुंह मोड़ कर चले आये और अब भोपाल आकर महिला हित के बारे में मुझसे सवाल पूछ रहे हैं। क्या यह नैतिक पतन की पराकाष्ठा नहीं है? शिवराज का कहना था कि कमलनाथ जी से सवालों का सिलसिला जारी है और मुझे पता है कि वे सवालों से बचेंगे लेकिन सवालों की चोट को आज पूरा मध्यप्रदेश देख रहा है। अब कांग्रेस में गजब की सिर फुटौव्वल है, वह कभी भावी मुख्यमंत्री बनते हैं तो कभी मुख्यमंत्री बनते हैं लेकिन उसके साथ ही कहते हैं कि अभी कुछ तय नहीं है। शिवराज एक अजूबा दिखाने का दावा करते हुए फरमाते हैं कि एक वीडियो में कमलनाथ व नकुलनाथ के सामने ही शपथ दिलाई जा रही है कि पिता मुख्यमंत्री बनेगा और बेटा सांसद बनेगा। मॉ-बेटे की पार्टी और पिता-पुत्र की पार्टी न तो प्रदेश का भला कर सकती है और न ही देश का भला कर सकती है। कमलनाथ ने शिवराज को भाजपा के वचनपत्र का हवाला देते हुए पूछा कि लड़कियों को सेनेटरी उत्पाद उन तक पहुंचे यह सुनिश्चित करने के लिए एक नयी मुक्ता योजना के अंतर्गत सभी प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों के छात्रा शौचालय में स्वचलित सेनेटरी नेपकिन वेंडिंग मशीन क्यों नहीं लगाई और शौचालयों का उन्नयन क्यों नहीं किया गया।  
और यह भी
      सतना के कोल जनजाति महाकुंभ में बहनों के भाई और भांजे-भांजियों के मामा शिवराज ने कोल समाज की बहनों को एक हजार रुपये प्रतिमाह देने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नया भारत गढ़ दिया है। शिवराज ने यह भी भरोसा दिलाया कि रीवा जिले में कोल गढ़ी बनी हुई है क्योंकि विंध्य में कोल राजा थे, लेकिन उस गढ़ी की हालत जर्जर है हम उसका जीर्णोद्धार करायेंगे। बड़ी संख्या में कोल समाज के लोग भूमिहीन हैं और हम संकल्प लेते हैं कि कोल समाज के हर भूमिहीन को रहने की जगह उपलब्ध करायेंगे।

अरुण पटेल,लेखक,संपादक


अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 16 November 2024
महाराष्ट्र में भाजपानीत महायुति और कांग्रेसनीत महाविकास आघाडी के लिए इस बार का विधानसभा चुनाव जीतना राजनीतिक  जीवन मरण का प्रश्न बन गया है। भाजपा ने शुरू में यूपी के…
 07 November 2024
एक ही साल में यह तीसरी बार है, जब भारत निर्वाचन आयोग ने मतदान और मतगणना की तारीखें चुनाव कार्यक्रम घोषित हो जाने के बाद बदली हैं। एक बार मतगणना…
 05 November 2024
लोकसभा विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं।अमरवाड़ा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह को विजयश्री का आशीर्वाद जनता ने दिया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 29 की 29 …
 05 November 2024
चिंताजनक पक्ष यह है कि डिजिटल अरेस्ट का शिकार ज्यादातर वो लोग हो रहे हैं, जो बुजुर्ग हैं और आमतौर पर कानून और व्यवस्था का सम्मान करने वाले हैं। ये…
 04 November 2024
छत्तीसगढ़ के नीति निर्धारकों को दो कारकों पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है एक तो यहां की आदिवासी बहुल आबादी और दूसरी यहां की कृषि प्रधान अर्थव्यस्था। राज्य की नीतियां…
 03 November 2024
भाजपा के राष्ट्रव्यापी संगठन पर्व सदस्यता अभियान में सदस्य संख्या दस करोड़ से अधिक हो गई है।पूर्व की 18 करोड़ की सदस्य संख्या में दस करोड़ नए सदस्य जोड़ने का…
 01 November 2024
छत्तीसगढ़ राज्य ने सरकार की योजनाओं और कार्यों को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए डिजिटल तकनीक को अपना प्रमुख साधन बनाया है। जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते…
 01 November 2024
संत कंवर रामजी का जन्म 13 अप्रैल सन् 1885 ईस्वी को बैसाखी के दिन सिंध प्रांत में सक्खर जिले के मीरपुर माथेलो तहसील के जरवार ग्राम में हुआ था। उनके…
 22 October 2024
वर्तमान समय में टूटते बिखरते समाज को पुनः संगठित करने के लिये जरूरत है उर्मिला जैसी आत्मबल और चारित्रिक गुणों से भरपूर महिलाओं की जो समाज को एकजुट रख राष्ट्र…
Advertisement