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मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में आमने-सामने आती भाजपा व कांग्रेस

Updated on 26-03-2023 06:13 PM
वैसे तो मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में इस साल के अन्त में चुनाव होना है इसलिए राजनीतिक दल वहां चुनावी मोड में आ चुके हैं लेकिन इस बीच कर्नाटक के कोलार में 2019 के लोकसभा चुनाव के समय राहुल गांधी द्वारा मोदी सरनेम का उल्लेख किये जाने को लेकर जो मानहानि का मामला गुजरात के सूरत में दर्ज किया गया था और वहां की सीजेएम अदालत द्वारा पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और वायनाड से लोकसभा सदस्य रहे राहुल गांधी को दो साल की कैद की सजा सुनाते ही इसको लेकर देश के साथ ही खासकर मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में सियासत तेज हो गयी है। आनन-फानन में दूसरे ही दिन राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त होते ही जहां कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आये तो वहीं कांग्रेस व भाजपा नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई। छत्तीसगढ़ के रायपुर में तो स्थिति यहां तक पहुंच गयी कि दोनों पार्टी के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गये जबकि भोपाल में एक तीव्र गति ट्रेन को प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष विक्रान्त भूरिया की अगुवाई में कुछ समय के लिए रोक दिया गया और कांग्रेस कार्यकर्ता इंजन पर चढ़ गये तथा कुछ पटरियों पर आ गये। यहां पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक मशाल जुलूस भी निकाला। दोनों ही राज्यों में कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर संघर्ष का ऐलान कर दिया। आने वाले कुछ दिनों में इस संभावना को नकारा नहीं जा सकता कि कांग्रेस सड़कों पर उतर कर आंदोलन करती नजर आये। 
       मोदी सरनेम मानहानि केस में सूरत की सीजेएम कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाने के साथ ही तत्काल उन्हें जमानत भी दे दी और 30 दिन के लिए सजा निलंबित कर दी ताकि राहुल गांधी हाईकोर्ट में अपील कर सकें। भाजपा की रणनीति देशव्यापी स्तर पर राहुल की घेराबंदी करने की है और वह राहुल द्वारा पिछड़े वर्गों का अपमान करने का मुद्दा उछाल कर इस वर्ग में अपनी पकड़ और अधिक मजबूत करने की रणनीति पर तेजी से अमल करने जा रही है। पिछड़े वर्ग के सांसदों को यह कह दिया गया है कि आप लोग जायें और पिछड़े वर्गों के लोगों को बतायें कि राहुल गांधी ने उन्हें अपमानित किया है। फैसले के 24 घंटे के भीतर ही राहुल गांधी सांसद नहीं रहे और वायनाड की लोकसभा सीट रिक्त होने की सूचना चुनाव आयोग को लोकसभा सचिवालय द्वारा भेज दी गयी है। इस मुद्दे पर कांग्रेस आक्रामक हो गयी है और उसका कहना है कि अडानी मामले से ध्यान भटकाने की यह साजिश है जबकि भाजपा ने सवाल दागा है कि राहुल खुद के लिए विशेषाधिकार क्यों चाहते हैं। राहुल गांधी की प्रतिक्रिया थी कि मैं भारत की आवाज के लिए लड़ रहा हूं। मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं। इस पर केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सवाल दागा कि क्या ओबीसी को गाली देना और गरीबों का अपमान करना सच्चाई है। कांग्रेस ने दो मोर्चों पर एक साथ संघर्ष करने का ऐलान किया है जिसके अनुसार वह कानूनी तथा राजनीतिक दोनों मोर्चों पर एक साथ लड़ाइयां लड़ेगी। लोकसभा की सदस्यता समाप्त किये जाने के पहले राहुल गांधी लोकसभा की कार्रवाई में शामिल हुए और संसद परिसर में पार्टी सांसदों की बैठक में भाग लिया। राहुल गांधी की सदस्यता खत्म होने की सूचना जारी होते ही राजनीतिक गलियारों में भी अत्याधिक हलचल देखी गयी। समूचे विपक्ष ने इसे लोकतंत्र के लिए शर्मनाक व खतरनाक बताया। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मलिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार को सबसे ज्यादा डर राहुल गांधी व कांग्रेस से लगता है। 
      भाजपा के दिल्ली स्थिति मुख्यालय में पत्रकारों से चर्चा करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी को सजा उनके अहंकार के कारण मिली है और सदस्यता कांग्रेस पार्टी के भीतर का षडयंत्र है। कांग्रेस में किसने यह सोची समझी साजिश रची पार्टी को इसकी तह में जाना चाहिए कि कौन है जो राहुल गांधी से छुटकारा चाहता था। कांग्रेस के भीतर ही आपस में एक-दूसरे पर संदेह का कोहासा फैले इस दृष्टि से अनुराग ठाकुर ने जो बात कही है वह अपने आप में काफी गंभीर मानी जा सकती है। अनुराग का सवाल था कि कांग्रेस में तो बड़े-बड़े वकील हैं क्या एक भी सही राय देने वाला नहीं था। उनकी ही पार्टी में किसने खेल कर दिया समझ में नहीं आ रहा। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को तुरन्त जमानत दिलाने के लिए चार-पांच घंटे में ही वकीलों की टीम पहुंच गयी थी लेकिन राहुल गांधी को 24 घंटे पहले सजा सुनाई गयी थी और कांग्रेस के वकील जानते थे कि दोष सिद्धि के बाद तत्काल सदस्यता जायेगी फिर भी कोई वकील आगे नहीं आया। केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान का कहना है कि भारत के प्रजातंत्र में कानून से ऊपर कोई नहीं है, एक सार्वजनिक सभा में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को गाली दी और जातिसूचक अपशब्द कहे। इस पर जब एक पिछड़े वर्ग के भाई के मन में प्रतिक्रिया हुई तो उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा है कि संविधान के तहत सिर्फ राष्ट्रपति के पास किसी सांसद को अयोग्य ठहराने का अधिकार है जबकि कानूनविद और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी.चिदम्बरम का कहना था कि 23 मार्च को फैसला आया और 24 मार्च को अयोग्यता, जिस गति से व्यवस्था चलती है वह आश्चर्यजनक है।
एकजुट होता विपक्ष
     कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को भले ही सूरत कोर्ट की ओर से सुनाई गई दो साल की सजा के बाद लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने का फैसला लिया गया हो लेकिन राहुल के खिलाफ हुई इस कार्रवाई ने ऐसा लगता है कि सभी विपक्षी दलों को एकजुट कर दिया है। सभी विपक्षी दलों ने इस कार्रवाई का सिर्फ विरोध ही नहीं किया बल्कि इसे लोकतंत्र पर खतरा भी बताया है। यहां तक कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी राहुल का पक्ष लेते हुए तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा कि पीएम मोदी के नये भारत में विपक्षी दलों के नेता निशाने पर हैं, आपराधिक रिकार्ड वाले भाजपा नेताओं को केबिनेट में शामिल किया जा रहा है तो विपक्षी नेताओं को भाषण देने पर बर्खास्त किया जा रहा है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव का कहना है कि राहुल गांधी की अयोग्यता भारत के लोकतांत्रिक सिद्धान्तों व संवैधानिक मूल्यों पर हमला है, यह नरेन्द्र मोदी के निरंकुश और अहंकारी व्यक्तित्व को दर्शाता है। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का मानना है कि राहुल की अयोग्यता संघ परिवार का लोकतंत्र पर हिंसक हमला है, असहमति को बलपूर्वक दबाना फासीवादी तरीका है। तीखी प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि चोर को चोर कहना अपराध हो गया है, जबकि देश को लूटने वाले बाहर हैं, यह लोकतंत्र की हत्या है और तानाशाही के अन्त की शुरुआत है ।
और यह भी
       राहुल गांधी की बहन और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा है कि- प्रधानमंत्रीजी, शहीद प्रधानमंत्री के बेटे को देशद्रोही, मीर जाफर कहा गया। एक मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि राहुल का पिता कौन है ? भरी संसद में आपने पूरे परिवार और कश्मीरी पंडित समाज का अपमान करते हुए पूछा कि वह नेहरु नाम क्यों नहीं रखते, लेकिन आपको संसद से डिस्क्वालीफाई नहीं किया गया। जान लीजिए, हमारी रगों में जो खून दौड़ता है उसकी एक खासियत है....यह सत्तालोभी तानाशाह के सामने कभी न झुका और न झुकेगा।

-अरुण पटेल
-लेखक, संपादक

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