हमारे यहां महान व्यक्तियों के जन्मदिन पर छुट्टियां रखी जाती है। कई व्यक्ति स्वयं के जन्मदिन पर भी छुट्टियां मनाते हैं। वैसे यह बहुत अच्छी बात है की व्यक्ति स्वयं के जन्मदिन पर छुट्टी परिवार के साथ मनाये। कई व्यक्ति अपना जन्मदिन वृद्ध आश्रम या दिव्यांगों के बीच मनाते हैं, कई अनाथालय में मनाते हैं। ये सब एक प्रकार से अपने जन्मदिन को सार्थक करते हुए मानव सेवा करते हैं, तन मन और धन से। यह लोग सही मायने में अपना जीवन सार्थक कर रहे हैं। कई अपने जन्मदिन पर परिवार के साथ धार्मिक स्थलों पर जाते हैं। यह भी बहुत अच्छी बात है क्योंकि धार्मिक स्थलों पर जाकर आपके मन में निर्मलता पवित्रता और सहायता का भाव पैदा होता है। पर कुछ ऐसे शख्सियत भी है कि जन्मदिन पर देर रात तक पार्टी मनाते हैं पर यदि ऐसी पार्टी में मित्रता का भाव रहे वहां तक तो ठीक है, यदी आपस में विवाद बन जाए तो सब गलत हो जाता है। ऐसी पार्टियां सिर्फ परिजन या बहुत ही घनिष्ठ मित्रों के बीच ही होना चाहिए। राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक नेताओं की जयंती पर छुट्टी के बजाय अधिक ईमानदारी से काम करने का संकल्प दिवस के रूप में मनाना चाहिए। धार्मिक त्योहार की छुट्टियां सिर्फ उन्हीं लोगों को दी जाय जो उसी धर्म आराधना से जुड़े हुए हो। क्योंकि आज भी कई ऐसे कट्टर लोग भी हैं जो सिर्फ अपने धर्म में ही आस्था रखते हैं और बाकी धर्म को निगलेक्ट करते हैं, वह यहां तक की दूसरे धर्म स्थलों पर जाना भी पसंद नहीं करते।
महाराष्ट्र में भाजपानीत महायुति और कांग्रेसनीत महाविकास आघाडी के लिए इस बार का विधानसभा चुनाव जीतना राजनीतिक जीवन मरण का प्रश्न बन गया है। भाजपा ने शुरू में यूपी के…
लोकसभा विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं।अमरवाड़ा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह को विजयश्री का आशीर्वाद जनता ने दिया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 29 की 29 …
छत्तीसगढ़ के नीति निर्धारकों को दो कारकों पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है एक तो यहां की आदिवासी बहुल आबादी और दूसरी यहां की कृषि प्रधान अर्थव्यस्था। राज्य की नीतियां…
भाजपा के राष्ट्रव्यापी संगठन पर्व सदस्यता अभियान में सदस्य संख्या दस करोड़ से अधिक हो गई है।पूर्व की 18 करोड़ की सदस्य संख्या में दस करोड़ नए सदस्य जोड़ने का…
छत्तीसगढ़ राज्य ने सरकार की योजनाओं और कार्यों को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए डिजिटल तकनीक को अपना प्रमुख साधन बनाया है। जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते…
वर्तमान समय में टूटते बिखरते समाज को पुनः संगठित करने के लिये जरूरत है उर्मिला जैसी आत्मबल और चारित्रिक गुणों से भरपूर महिलाओं की जो समाज को एकजुट रख राष्ट्र…