तेजस्वी एक तीर से दो निशाना साधना चाहते हैं। अव्वल तो नीतीश को उकसा कर वे भाजपा पर दबाव बनाना चाहते हैं, ताकि केंद्र सरकार आरक्षण कानून को नौंवीं अनुसूची में शामिल कर ले। इसकी संभावना इसलिए तेजस्वी को दिख रही है कि केंद्र सरकार नीतीश कुमार के जेडीयू के सहयोग से चल रही है। ऐसा हो गया तो तेजस्वी को यह साबित करने का मौका मिल जाएगा कि उनके ही दबाव पर यह संभव हो पाया है। केंद्र सरकार अगर ऐसा नहीं करती है तो इससे नीतीश की नाराजगी बढ़ सकती है। सच यह है कि जब तक मामला न्यायिक समीक्षा के दायरे में हैं, तब तक कोई भी इस बारे में कुछ नहीं कर सकता।