अमेरिका के टेक्सास में एक महिला ने 3 साल की एक फिलिस्तीनी-अमेरिकी बच्ची की हत्या की कोशिश की। CNN के मुताबिक, घटना से पहले पीड़ित बच्ची की मां ने हिजाब पहना हुआ था। उसके बच्चे पूल में स्विमिंग कर रहे थे। तभी 42 साल की एलिजाबेथ वुल्फ नाम की महिला वहां पहुंची।
उसने हिजाब पहनी महिला से पूछा कि वह कहां से है और क्या पूल में उसके बच्चे तैर रहे हैं। इस पर महिला ने जवाब दिया कि वह अमेरिकी नागरिक है। हालांकि, मूल रूप से वह फिलिस्तीन की है। इसके बाद एलिजाबेथ महिला के हाथ से उसके 6 साल के बच्चे को खींचने लगी। महिला ने किसी तरह अपने बेटे को बचा लिया।
इसके बाद एलिजाबेथ तुरंत उसकी 3 साल की बेटी की तरफ बढ़ी। वह उसे स्विमिंग पूल में डुबाने की कोशिश करने लगी। इस दौरान उसने महिला का हिजाब उतार दिया और उसे लात भी मारी। हालांकि, महिला अपनी बेटी को बचाने में कामयाब रही। इस दौरान पास में मौजूद एक व्यक्ति ने भी उसकी मदद की।
आरोपी महिला बोली- पूरे परिवार को खत्म कर दूंगी
सिर स्विमिंग पूल के अंदर रहने से बच्ची के शरीर में काफी पानी चला गया था, जिसकी वजह से वह लगातार खांस रही थी। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने एलिजाबेथ को गिरफ्तार कर लिया। वह लगातार चिल्ला रही थी कि महिला और उसके पूरे परिवार की हत्या कर देगी।
पीड़ित बच्ची की मां ने कहा, "मैं एक अमेरिकी नागरिक हूं। मुझे नहीं पता की मैं कहां सुरक्षित रह सकती हूं। मेरे अपने देश फिलिस्तीन में जंग चल रही है। अमेरिका में हमें लगातार नफरत का सामना करना पड़ रहा है।
उस घटना के बाद से मेरी बेटी सदमे में है। जब भी हमारे घर की बेल बजती है, वह दूसरे कमरे में छिप जाती है। उसे डर है कि कोई उसे दोबारा पानी में डुबाने की कोशिश करेगा। बार-बार घर बदलने की वजह से मेरे पति अपनी नौकरी भी नहीं कर पा रहे हैं।
बाइडेन बोले- घटना से परेशान हूं, बच्चों के खिलाफ हिंसा नहीं होनी चाहिए
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी सोमवार को मामले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी महिला के बच्चों पर हुए हमले की खबर से वे बेहद परेशान हैं। किसी भी बच्चे के खिलाफ कभी हिंसा नहीं होनी चाहिए। मैं इस मुश्किल घड़ी में पीड़ित परिवार के साथ हूं।
एलिजाबेथ ने मामले का समाधान होने तक जेल से रिहा होने के लिए 40 हजार डॉलर की जमानत ली है। हत्या की कोशिश के मामले में अमेरिका में 25 हजार डॉलर का मुचलका भरना होता है। वहीं बच्चे पर हमले के केस में यह रकम 15 हजार डॉलर होती है।