और कितना भ्रमित करेंगे सत्ताधारी, सदियों से ऐसा क्यों?
Updated on
06-06-2022 06:50 PM
देश की सत्ता मे रहनेवाले आए दिन कई कार्यक्रम आयोजन करते हैं कुछ सरकारी खर्च पर, कुछ जनता के माथे डाल दिए जाते हैं और मीडिया उन्हें प्रोत्साहित करता है यह लिख कर की जनता ने सहयोग दिया अरे भाई जब सरकारी बड़ा अफसर आपसे कुछ कहेगा कि यह काम करना है या यह एक छोटा चेक बना देना तो उसे कौन मना कर सकता है। यदि किसी ने मना कर दिया तो वह सत्ताधारी और अधिकारी की निगाह में गुनाहगार माना जाता है और उसके ऊपर गाज गिर सकती है यह डर व्यापारी, इंडस्ट्रीज और हर व्यक्ति का है। मीडिया ही एकमात्र ऐसा सशक्त इंस्ट्रूमेंट है जो जनता को जगा सकता है पर जब मीडिया वाले ही उन लोगों के साथ बैठने लगे तो यह भी जनता के साथ धोखा है। आज के दौर में सत्ता आंकड़ो और विज्ञापन के बल पर अपने आप क्लीन चिट देकर खुद की पीठ थपथपाती है। रिश्वतखोरी भ्रष्टाचार और फिजूलखर्ची आज के दौर के सत्ताधारी नेताओं का मनमाना स्वादिष्ट भोजन हो गया। यहां तक भी देखा गया कई जगह कोर्ट में मजिस्ट्रेट के नीचे बैठा बाबू वही पैसे मांग लेता है पता नहीं यह बात मजिस्ट्रेट साहब देख पाते है या नहीं पर यह झूठी खबर नहीं है। सिर्फ सत्ता में रहने के लिए व्यक्ति ईमान धर्म सब लाकर में रख देते है, यह नशा है जो उतरता ही नहीं और जब कभी कोई मीडिया वाले उसे उछाल देता है तो वही नेता सलाखों के पीछे भी दिखता है। ऐसे पत्रकारों को सलाम।
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