अखिलेश यादव के शासनकाल में बनी सड़क में करोड़ों का घोटाला
Updated on
19-06-2020 07:35 PM
-राष्ट्रपति के दखल के बाद जांच के आदेश, लोनिवि में हड़कंप
बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में बने राष्ट्रीय राजमार्ग बरेली-बदायूं फोरलेन के चौड़ीकरण कार्य में हुए करोड़ों के घोटाले में एक बार फिर से टेक्निकल अडवाइजरी कमिटी (टीएसी) जांच करेगी। चार सालों से लटकी जांच के लिए राष्ट्रपति भवन के दखल के बाद शासन में उप सचिव राजेश कुमार अग्रवाल ने मुख्य प्राविधिक परीक्षक, सम्परीक्षा प्रकोष्ठ को फिर से टीएसी जांच के आदेश दिए हैं। जांच के लिए 30 जून तक का समय दिया गया है, अगर इस तिथि तक जांच पूरी नहीं हो पाई तो विशेष सचिव स्तर की कमेटी गठित करके जांच कराई जाएगी। इसको लेकर लोक निर्माण विभाग में हडकंप मच गया है। समाजवादी पार्टी के शासन काल में वर्ष 2014-17 में बनाए गए राजमार्ग संख्या-33 बरेली-बदायूं फोरलेन के चौड़ीकरण का कार्य 244 करोड़ की लागत से किया गया था। 2017 में कार्य पूरा हुआ तो खर्च बढ़कर 281 करोड़ कर दिया गया। सड़क निर्माण के लिए पीएनसी इंफ्राटेक आगरा को जिम्मेदारी दी गई थी। फोरलेन प्रोजेक्ट का आकलन 244 करोड़ रुपये था, लेकिन कंपनी को 280 करोड़ का भुगतान कर दिया गया।
शिकायत के अनुसार, कंपनी ने पुरानी टू लेन सड़क की खुदाई से निकले काले पत्थर के मलबे और तारकोल को भी नई फोरलेन सड़क बनाने में उपयोग किया। इसकी शिकायत गौरव गुप्ता ने की थी और हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस पर हाईकोर्ट ने 23 अप्रैल 2019 को मामले में टीएसी से जांच कराकर शासन को 15 दिन में शपथ पत्र देने के निर्देश दिए थे। टीएसी ने शिकायतकर्ता के पते को फर्जी करार दिया और जांच की प्रक्रिया को कागजों में ही पूरा कर लिया। अपना गला फंसते देख जिम्मेदार इसे सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं। इसको देखते हुए शिकायतकर्ता ने राष्ट्रपति भवन को पत्र भेजकर जांच पूरी कराने की गुहार लगाई हैं। इसके बाद लोक निर्माण के प्रमुख सचिव नितिन गोकर्ण ने शिकायतकर्ता और बदायूं के अधीक्षण अभियंता डीके मिश्रा को बुलाया था। बुधवार को शासन के उप सचिव ने मुख्य प्राविधिक परीक्षक, सम्परीक्षा प्रकोष्ठ लोक निर्माण को फिर जांच कराने का आदेश दिया है। मामले में अब तक फर्जी पता का हवाला देने वाले जिम्मेदारों की हवाइयां उड़ रही हैं। लोनिवि के चीफ इंजिनियर प्रमेश गुप्ता ने कहा, 'फिर जांच कराने का आदेश टीएसी को मिला है। जांच पूरी करने के लिए शिकायतकर्ता के मूल पते पर संपर्क किया जा रहा है। जांच और कार्रवाई शासन स्तर से की जानी है।'
...तो सीबीआई जांच की मांग करेंगे:गौरव गुप्ता
शिकायतकर्ता गौरव गुप्ता ने कहा, 'अगर टीएसी जांच पूरी नहीं हुई और दूसरी कमेटी से जांच कराई गई तो हम सीबीआई जांच की मांग करेंगे। सड़क निर्माण में घोटाले की शिकायत करने पर हमारे ऊपर हमला हुआ है। झूठे मुकदमों में फंसाया जा चुका है। टीएसी का आरोप है कि मौके पर जांच के समय हम नहीं आए, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश पर जांच होने की दशा में शिकायतकर्ता का मौजूद रहना जरूरी नहीं है। हमें जान माल का खतरा है कि इस कारण से बरेली स्थित किराए के आवास को छोड़ दिया। हम अपने मूल पते पर हैं। यहां टीएसी ने क्यों नहीं संपर्क किया।'
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