नई दिल्ली अमेरिका क्षेत्रीय और वैश्विक शक्ति के रूप में उभरते भारत का स्वागत करता है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली में 2+2 मंत्रीस्तरीय बैठक से पहले यह कहा। उसने यह भी कहा कि भारत के एक जनवरी 2021 से शुरू हो रहे यूएनएससी के कार्यकाल के दौरान अमेरिका उसके साथ काम करने को लेकर भी उत्सुक है।
भारत और अमेरिका के बीच नई दिल्ली में होने जा रही तीसरी 2+2 मंत्रीस्तरीय बैठक से पहले विदेश मंत्रालय ने एक फैक्ट शीट में कहा, भारत के एक क्षेत्रीय और वैश्विक शक्ति बनकर उभरने का अमेरिका स्वागत करता है। अमेरिका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के आगामी कार्यकाल के दौरान उसके साथ निकटता से काम करने को भी उत्सुक है। अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर और विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ अपने भारतीय समकक्षों क्रमश: राजनाथ सिंह तथा एस। जयशंकर के साथ 2+2 मंत्रीस्तरीय बैठक करेंगे। अमेरिकी विदेश विभाग ने बताया कि एस्पर और पोम्पिओ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे और अमेरिका-भारत व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के बारे में सरकारी और कारोबारी जगत के अगुआओं से भी बात करेंगे। फैक्ट शीट में विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के बीच साझा मूल्यों और स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद-प्रशांत के लिए प्रतिबद्धता पर निर्मित मजबूत तथा बढ़ते द्विपक्षीय संबंध हैं। गौरतलब है कि भारत और अमेरिकी के बीच मजबूत हो रहे रिश्तों के मायने तलाशते हुए चीन ने कहा है कि भारत की राष्ट्रीय ताकत बढ़ रही है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उसकी स्थिति मजबूत हो रही है। हालांकि, उसने यह भी कहा कि अमेरिका की ताकत घट रही है और उभरता हुआ भारत इस स्थिति का पूरा फायदा उठाने की कोशिश करेगा। चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने भारत और अमेरिका के बीच होने जा रही है 2+2 बैठक और संभावित बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन अग्रीमेंट (बीईसीए) को लेकर विस्तार से लेख छापा है। फुदान यूनिवर्सिटी में साउथ एशियन स्टडीज सेंटर के डायरेक्टर और अमेरिकन स्टडीज सेंटर के प्रफेसर झांग जियाडोंग ने कहा है कि अमेरिका और भारत के बीच रिश्ते मजबूत हो रहे हैं और इस बैठक पर ध्यान देने को लेकर चार कारक अहम हैं।