मुंबई । टीवी और फिल्म अभिनेता मुकेश खन्ना ने कहा था कि 'ये मी टू' की परेशानी तब शुरू हुई, जब महिलाओं ने घर से बाहर निकलकर काम करना शुरू किया।अपनी इस टिप्पणी को लेकर मुकेश खन्ना सोशल मीडिया पर वह काफी ट्रोल हो रहे हैं। अभिनेता का 'मी टू' पर राय रखने से संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। वीडियो में मुकेश कहते दिख रहे हैं कि औरत का काम है घर संभालना, परेशानी कहां से शुरू हुई है 'मी टू' की, जब औरतों ने भी बाहर काम करना शुरू कर दिया। आज औरत मर्द के कंधे से कंधा मिलाकर चलने की बात करती है।" कामकाजी महिलाओं पर अभिनेता की इस तरह की टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स ने अपनी नाराजगी जाहिर की।
अभिनेता ने फेसबुक पर एक नोट साझा किया है, जिसमें लिखा है, "मुझे सचमुच हैरानी हो रही है कि मेरे एक स्टेटमेंट को बहुत ही गलत तरीके से लिया जा रहा है। मुझे औरतों के खिलाफ बताया जा रहा है। जितनी इज्जत मैं नारियों की करता हूं शायद ही कोई करता होगा। इसकारण मैंने 'लक्ष्मी बॉम्ब' नाम का विरोध किया। मैं नारियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं। हर रेपकांड के खिलाफ मैं बोला हूं। मेरे एक इंटरव्यू की क्लिपिंग को लेकर लोगों ने शोर मचा दिया है।"
उन्होंने कहा, मैंने कभी नहीं कहा कि औरतों को काम नहीं करना चाहिए। मैं सिर्फ ये बताने जा रहा था कि मीटू की शुरुआत कैसे होती है। हमारे देश में औरतों ने हर फील्ड में जगह बनाई है। फिर चाहे वहां रक्षा मंत्री हो, वित्त मंत्री हो, विदेश मंत्री हो या अंतरिक्ष में हो, हर जगह नारी ने अपना परचम लहराया है।तब मैं नारी के काम करने के खिलाफ कैसे हो सकता हूं।" मुकेश ने लिखा,उस वीडियो इंटरव्यू में मैं सिर्फ नारी के बाहर जाकर काम करने से क्या दिक्कतें आ सकती हैं, उस पर रोशनी डाल रहा था। जैसे घर के बच्चे अकेले पड़ जाते हैं। मैं पुरुष और नारी धर्म की बात कर रहा था जो हजारों सालों से चला आ रहा है।"
मैं यह नहीं कहा कि नारी बाहर जाती है,तब मीटू होता है। मैंने एक साल पहले इसी टॉपिक पर एक वीडियो बनाया था, जो मैं आप लोगों को दिखाना चाहता हूं कि तब भी मैंने यही कहा था कि नारियों को अपने काम करने की जगह पर अपनी सुरक्षा कैसे करनी चाहिए। मैंने तब भी नहीं कहा कि नारियां काम पर ना जाएं,तब आज कैसे कह सकता हूं।" अभिनेता ने लिखा, मैं अपने सभी दोस्तों से यही कहना चाहता हूं कि मेरे स्टेटमेंट को गलत तरीके से मत पेश करें। मेरा पिछला चालीस साल, मेरा फिल्मी सफर इसकी पुष्टि करता है कि मैंने हमेशा नारियों की इज्जत की है। अगर कोई भी नारी मेरे बयान से आहत हुई हो, तब मुझे अफसोस है कि मैं अपनी बात सही ढंग से नहीं रख पाया।"