बॉलीवुड प्लेबैक सिंगर अंकित तिवारी ने कहा, 'पाकिस्तानी म्यूजिक, बिल्कुल हमारे हिंदुस्तान के जैसा है। हम और वो म्यूजिक के लिए एक साथ काम कर रहे हैं। फर्क यह है कि हमारी फिल्मों के म्यूजिक की रीच बहुत है। मगर इंडिया या पाकिस्तानी म्यूजिक में फर्क ही नहीं है।'
अमित शुक्रवार को भोपाल आए। उन्होंने रवींद्र भवन में मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस समारोह में परफॉर्म किया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, 'जब मेरा जो मन होता है, तब वो सुनता हूं, किसी पर्टिकुलर सिंगर का नाम लेना ठीक नहीं होगा, हाल ही में मैं एक पाकिस्तानी सॉन्ग सुन रहा था, इसके अलावा एक और गाना 'कहानी सुनो...' बहुत पसंद है।'
उन्होंने सिंगिंग में एआई के इस्तेमाल पर कहा, 'जब-जब नई टेक्नोलॉजी आई है, वो ट्रेंड में रही है। कुछ समय पहले ओटोट्यून आया था, लेकिन जब वह आया था, तब भी सिंगर्स के लिए खतरा ही बताया था। लेकिन, इसका म्यूजिक में सही इस्तेमाल ही हुआ है।'
उर्दू एक मुकम्मल भाषा है अंकित ने कहा, 'हिंदी म्यूजिक इंडस्ट्री की बात करें और गानों के इतिहास की बात करें, तो उर्दू कनेक्टेड है। हिंदी में जब हम बात करते हैं, तो हमें भी नहीं पता होता है कि हम कितनी जगह उर्दू के अल्फाजों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उर्दू एक मुकम्मल भाषा है। उर्दू, हिंदी के साथ घुल-मिल चुकी है। कुछ शब्द ऐसे होते हैं, जो उर्दू में ही अच्छे लगते हैं। मैं खुद उर्दू के अल्फाज पसंद करता हूं।'
सुन रहा है न तू... गाना हमेशा मेरे लिए खास
अपने स्पेशल सॉन्ग पर बात करते हुए अंकित ने कहा, 'मुझे हमेशा खुशी होती है कि मेरी लाइफ का टर्निंग पॉइंट मेरी दूसरी ही फिल्म ‘आशिकी-2’ का ‘सुन रहा है न तू...’ गाना रहा है। जब भी इस गाने की रिकॉर्डिंग के समय को याद करता हूं, तो मुझे वो दौर याद आ जाता है कि कैसे एक कानपुर का लड़का मुंबई सिंगर बनने का सपने लेकर गया था और दूसरी ही फिल्म में सफलता ने दस्तक दी और मशहूर हो गया। यह गाना मेरे लिए स्पेशल रहा है, क्योंकि मेरी जर्नी में हमेशा के लिए दर्ज हो गया है।'