उसके पिता पास के क्रेशर मशीन पर काम करते हैं। क्रेशर मशीन के पास ही खदान है जिसमें बरसात के दौरान पानी भर जाता है। आयुष मंगलवार दोपहर बस्ती के अन्य बच्चों के साथ इस खदान पर खेलने गया था।
यहां हाथ धोने पहुंचा। अन्य बच्चों को देखते हुए वह भी पानी में उतर गया। थोड़ी देर बाद ही वह पानी के भीतर छटपटाने लगा। साथ में नहा रहे बच्चे दौड़कर बस्ती में पहुंचे तथा आयुष के माता-पिता को बताया।