कुवैत की इमारत में लगी भीषण आग के मामले में अधिकारियों ने 3 भारतीय, 4 मिस्र के नागरिक और 1 कुवैती को गिरफ्तार किया है। 12 जून को तड़के 6 मंजिला बिल्डिंग में लगी आग में कुल 50 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें 45 लोग भारतीय थे।
इस बिल्डिंग में 196 कामगार रहते थे, जिनमें से ज्यादातर भारतीय थे। अरब टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए 8 लोगों को 2 हफ्ते की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। उन पर लापरवाही और हत्या के आरोपों में केस दर्ज किया गया है।
कुवैत के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जाबेर अल-सबाह ने बुधवार को घोषणा की थी कि पीड़ितों के परिजनों को साढ़े 12 लाख का मुआवजा दिया जाएगा। कुवैत के सरकारी सूत्रों के मुताबिक, यह पैसे विदेशी कामगारों के दूतावास को दिए जाएंगे, जहां से ये उनके परिजनों तक पहुंचेंगे। मरने वालों में भारत के अलावा फिलिपींस के भी नागरिक थे।
सुबह 4:30 पर लगी थी आग, खिड़की से कूदे थे लोग
कुवैत ने मामले की जांच के लिए एक टीम भी बनाई है। इसे आग लगने का कारण ढूंढने का काम सौंपा गया है। कुवैत के समयानुसार यह हादसा बुधवार (12 जून) सुबह करीब 4:30 बजे हुआ। कुवैती फायर फोर्स के मुताबिक यह आग इलेक्ट्रिकल सर्किट के चलते लगी थी। उस वक्त सभी कामगार सो रहे थे।
आग लगने की वजह से मची भगदड़ के बीच कई लोगों ने घबराकर बिल्डिंग की खिड़कियों से छलांग लगा दी। कई लोग इमारत के अंदर ही फंसे रह गए और धुएं में दम घुटने से उनकी मौत हो गई। कुवैती मीडिया के मुताबिक, इस बिल्डिंग को कंस्ट्रक्शन कंपनी NBTC ग्रुप ने किराए पर ले रखा था।
मलयाली व्यापारी ने किराए पर ली थी बिल्डिंग
NBTC ग्रुप के मालिक मलयाली व्यापारी केजी अब्राहम हैं। केजी अब्राहम केरल के तिरुवल्ला के व्यवसायी हैं। केजी अब्राहम, जिन्हें केजीए के नाम से भी जाना जाता है, केजीए समूह के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। यह कंपनी 1977 से कुवैत के ऑयल एंड इंडस्ट्रीज का हिस्सा है।
कुवैत के गृह मंत्री शेख फहद अल-यूसुफ अल-सबह ने बिल्डिंग के मालिक को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था।
14 जून को भारत लाए गए थे शव
हादसे के बाद भारत के विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह कुवैत गए थे। उन्होंने 5 अस्पतालों का दौरा किया, जहां घायल भारतीयों का इलाज किया जा रहा है। हादसे के 2 दिन बाद 14 जून को 45 भारतीयों के शव लेकर भारतीय वायुसेना का स्पेशल एयरक्राफ्ट भारत पहुंचा था। यह कोच्चि के एयरपोर्ट पर लैंड हुआ था।
यहां केरल के 23 मृतकों को श्रद्धांजलि दिए जाने के बाद विमान बाकी शवों के साथ उसी दिन शाम को नई दिल्ली पहुंचा था। कुवैत की कुल आबादी में 21%(10 लाख) भारतीय हैं। कुवैत के कुल कामगारों में भारतीयों की हिस्सेदारी 30% यानी 9 लाख है।
12 जून को इमारत में लगी कुवैत में अब तक की सबसे भीषण आग है। वहीं मरने वालों की संख्या के मामले में देश में यह दूसरी सबसे बड़ी आग है। इससे पहले अगस्त 2009 में जाहरा शहर में एक महिला ने पति की दूसरी शादी से नाराज होकर शादी के तंबू में आग लगा दी थी, जिससे 56 महिलाओं और बच्चों की मौत हो गई थी।
, मरने वालों की उम्र 20 से 50 साल के बीच है। इनमें 23 केरल, 7 तमिलनाडु और बाकी भारत के अलग-अलग राज्यों से थे। सभी NBTC कंपनी में काम करते थे।