इंडोनेशिया की एक अदालत ने मंगलवार (11 जून) को पैगंबर मोहम्मद के नाम पर मजाक करने के मामले में एक शख्स को 7 महीने जेल की सजा सुनाई है। न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, मामले में औलिया रहमान को ईशनिंदा का दोषी पाया गया।
औलिया रहमान ने बंदर लामपुंग में पिछले साल दिसंबर में एक कार्यक्रम के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर स्टैंडअप कॉमेडी की थी, जिसके बाद उसका वीडियो वायरल हो गया था।
रहमान ने कहा था कि कैसे मोहम्मद नाम वाले लोगों ने पैगंबर मोहम्मद का नाम खराब कर दिया है। इतना ही कहने के बाद उनकी ये स्पीच वायरल हो गई और इससे लोगों की भावनाएं आहत हो गई।
रहमान के वकील ने कहा- अनजाने में भूल हो गई
रहमान को फरवरी में गिरफ्तार किया गया था और पिछले हफ्ते वो दोषी पाया गया। रहमान के वकील ने मंगलवार को कोर्ट में कहा कि उसका मकसद किसी को भी आहत करने का नहीं था। उससे अनजाने में यह भूल हो गई। कोर्ट को इस लिहाज से उसकी सजा में थोड़ी रियायत देनी चाहिए। इंडोनेशिया में ईशनिंदा के लिए 5 साल की सजा होती है।
हालांकि, कोर्ट ने उसे सिर्फ सात महीने की सजा दी। इंडोनेशिया में इस्लाम, प्रोटेस्टेंट्स, कैथोलिक्स, हिंदू, बौद्ध और कन्फ्यूशियस धर्म के खिलाफ किसी भी तरह का गलत कमेंट करना ईशनिंदा माना जाता है। ह्यूमन राइट वॉच ने फैसले पर हैरानी जताई है। उन्होंने इसे अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ बताया है और ईशनिंदा कानून पर चिंता जाहिर की है।
ईशनिंदा पर पूर्व गवर्नर तक हो चुकी है फांसी
इंडोनेशिया में ईशनिंदा कानून इतना सख्त है कि इसके चलते एक गवर्नर रहे शख्स तक को फांसी हो गई थी। 2017 में राजधानी जकार्ता के पूर्व गवर्नर बासुकी तजाहाजा पुरनामा को फांसी हुई थी। पिछले साल सितंबर में ही एक इंडोनेशियाई अदालत ने ईशनिंदा के आरोप एक महिला को दो साल की सजा सुनाई थी।
महिला ने टिकटॉक पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उसने सूअर का मांस खाने से पहले एक मुस्लिम प्रार्थना पढ़ी थी।
इंडोनेशियाई लीगल एड फाउंडेशन ने 2020 में ईशनिंदा के 67 मामले दर्ज किए, जिसमें 43 मामले सोशल मीडिया पर दिए गए बयानों से संबंधित थे।