नई दिल्ली। कोविड-19 की वजह से जारी देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान भारतीय रेल ने अभी तक 30 लाख लोगों को खाना खिलाया है। इसमें दिहाड़ी मजदूर, प्रवासी, बच्चे, कुली, बेघर, गरीब शामिल हैं। ज्यादातर भोजन आईआरसीटीसी के बेस किचन में पकाया जाता है।वहीं रेलवे सुरक्षा बल ने भी अपने संसाधनों से अब तक 50 हजार से ज्यादा लोगों को खाना खिलाया है। गौरतलब है कि भारतीय रेल 28 मार्च से ही जरूरतमंद लोगों को मुफ्त में खाना खिला रहा है। आईआरसीटीसी के बेस किचन और बाकी जगहों से खाना बनवाकर आरपीएफ, रेलवे स्टाफ और गैर सरकारी संगठनों की मदद से लोगों तक खाना पहुंचाया जा रहा है।खाना बांटते समय सामाजिक दूरी और स्वच्छता का विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यह खाना नई दिल्ली, बंगलुरू, हुबली, मुंबई सेंट्रल, अहमदाबाद, भुसावल, हावड़ा, पटना, गया, रांची, कटिहार, दीन दयाल उपाध्याय नगर, बालासोर, विजयवाड़ा, खुर्दा, काटपाडी, तिरुचिरापल्ली, धनबाद, गुवाहाटी, समस्तीपुर, प्रयागराज, इटारसी, विशाखापट्टनम, चेंगलपट्टू, पुणे, हाजीपुर, रायपुर और टाटानगर आईआरसीटीसी बेस किचन में पकाया जा रहा है। यहां तैयार भोजन से अब तक देशभर में 30 लाख से ज़्यादा लोगों को खाना खिलाया जा चुका है.
आईआरसीटीसी, रेलवे के अन्य विभागों, गैर सरकारी संगठनों और अपने स्वयं के किचन से तैयार किए गए भोजन को जरूरतमंद लोगों के बीच वितरित करने में रेलवे सुरक्षा बल ने प्रमुख भूमिका निभाई है। आरपीएफ ने लोकल इंटेलिजेंस के साथ मिलकर अलग अलग जगहों पर फंसे लोगों की सूची तैयार की है और फिर उन लोगों तक हर रोज़ खाना पहुंचाया जा रहा है। भोजन के वितरण की शुरुआत 28 मार्च को 74 स्थानों पर की गई थी। जिसमें करीब 5500 जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध कराया गया था। जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाने के रेलवे के इस प्रयास की कई लोगों ने सराहना की है। हाल ही में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु ने भी ट्वीट कर रेलवे की सराहना की थी।