भोपाल। प्रदेश की विभिन्न् जेलों के बंदियों ने अब तक करीब तीन लाख मास्क बनाए हैं जो सरकारी और समाजसेवी संस्थाओं की मांग के मुताबिक सप्लाई हो रहे हैं। मास्क के साथ जेलों से फिनाइल बनाकर सप्लाई करने के कुछ ऑर्डर भी आ रहे हैं जो संक्रमण फैलने से बचाने के लिए सफाई व्यवस्था में जरूरी है। बता दें कि कोरोना की महामारी से निपटने के लिए देश में हर वर्ग-समाज किसी न किसी तरह योगदान दे रहा है। जेलों में कैद बंदी इसमें आगे आए हैं, जिन्होंने कोरोना संक्रमण को फैलने से बचाने के लिए सबसे जरूरी मास्क बनाकर जरूरतमंदों तक पहुंचाए हैं। कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए मास्क सबसे जरूरी सामग्री बन गई है जिसकी बाजार में आपूर्ति मांग की तुलना में कम ही बनी हुई है। चिकित्सकीय कार्य में उपयोगी मास्क के अलावा बाजार में कई अन्य तरह के मास्क भी आ गए हैं जिनमें से कुछ सिंगल लेयर वाले यानि सीधे कपड़े में दो फीते लगाकर मुंह छिपाने में ही इस्तेमाल किए जा रहे हैं। इनके अलावा दो और तीन लेयर के भी मास्क बाजार में हैं जिनसे कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति से निश्चित दूरी पर संपर्क होने से काफी हद तक बचा सकता है। प्रदेश में करीब 40 जिलों की जेलों में सिलाई उद्योग में इन दिनों मास्क बनाने का काम चल रहा है। भोपाल सहित इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, छिंदवाड़ा जैसे बड़े जिलों की जेलों में बड़ी संख्या में मास्क तैयार किए जा रहे हैं। मास्क बनाने का काम बाजार की मांग के अनुसार चल रहा है। अभी तक जेलों में स्वास्थ्य, नगर निगमों, अदालत, होमगार्ड सहित कुछ केंद्रीय संस्थानों और समाज सेवी संगठनों की मांग पहुंची है। बताया जाता है कि कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए सफाई में उपयुक्त किए जा रहे फिनाइल की मांग भी जेल विभाग के पास आई है। इस बारे में जेल मुख्यालय के उप-महानिरीक्षक, संजय पांडे ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रदेश की जेलों में सिंगल लेयर से लेकर तीन लेयर तक के मास्क बनाए जा रहे हैं। अब तक करीब तीन लाख मास्क बनाकर सरकारी विभागों और समाजसेवी संस्थाओं को सप्लाई किए जा चुके हैं।