नई दिल्ली देश में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के जिन मामलों की पुष्टि हो चुकी है उनमें से 400 से ज्यादा मामले निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए लोगों से जुड़े हैं। यानी देश के कुल केसों के 20 प्रतिशत के लिए अकेले तबलीगी जमात की आपराधिक लापरवाही जिम्मेदार है।
कोरोना वायरस के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने 13 मार्च को ही दिल्ली में सभी धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगा दिया था। किसी भी कार्यक्रम में 50 से ज्यादा लोगों के इकट्ठे होने पर प्रतिबन्ध था लेकिन उसके बाद भी निजामुद्दीन मरकज में जलसा होता रहा। देश के कोने-कोने से और विदेश से भी करीब 9000 लोगों की भीड़ मरकज में जमा रही। 25 मार्च से लॉकडाउन लागू होने के बाद भी मरकज में ढाई हजार से ज्यादा लोग इकट्ठे थे।
दिल्ली पुलिस नोटिस-नोटिस का खेल खेलती रही और निजामुद्दीन थाने से चंद मीटर की दूरी पर स्थित मरकज को खाली कराने के लिए कुछ नहीं किया। जब जमात में हिस्सा लेने वाले तेलंगाना में 6 और जम्मू-कश्मीर में 1 शख्स की मौत हुई तो पुलिस ने केस तो दर्ज किया लेकिन मौलाना अभी तक फरार है। मृतकों में तेलंगाना में 9, आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक और बिहार में 1-1, महाराष्ट्र, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में 2-2 मौतें शामिल हैं।
कोरोना वायरस से देश में अब तक 19 लोगों की जिंदगी लेने और सैकड़ों लोगों की जान को खतरे में डालने के लिए जिम्मेदार तबलीगी जमात का मुखिया मौलाना मुहम्मद साद अभी भी फरार है। सैकड़ों लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलाने और हजारों लोगों को खतरे में डालने वाले इस श