कोरबा। वेदांता समूह ने पीएम-केयर्स फंड (प्राइम मिनिस्टर्स सिटिजन असिस्टेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशन) में 101 करोड़ रुपए का योगदान दिया है। इस तरह देश भर में कोविड-19 के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में संचालित राहत कार्यों में वेदांता का योगदान बढ़कर 200 करोड़ रुपए का हो जाएगा।
वेदांता समूह द्वारा पहले ही कटिबद्धता प्रकट करते हुए 100 करोड़ रुपए की एक निधि की घोषणा की गई है जिसके माध्यम से तीन क्षेत्रों - पूरे देश में दिहाड़ी कामगारों की आजीविका, स्वास्थ्य रक्षा तथा देश भर के अपने विभिन्न संयंत्रों में कर्मचारियों और अनुबंध के अंतर्गत कार्यरत सहभागियों को कोरोना वाइरस से उत्पन्न परिस्थितियों से जूझने की दिशा में मदद करना है। वेदांता समूह ने देश के 10 लाख दिहाड़ी कामगारों तक भोजन पहुंचाने का उठाया बीड़ा है। अगले एक महीने तक प्रतिदिन 50 हजार से अधिक घुमंतु पालतू पशुओं के लिए चारा उपलब्ध कराया जाएगा।
देश मंे ही व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों के निर्माण की दिशा में वेदांता समूह ने वस्त्र मंत्रालय के साथ अनुबंध किया है। इसके लिए चीन से 23 मशीनों का आयात किया जाएगा। जिला अस्पतालों के साथ किए गए समझौते के अंतर्गत सोशल डिस्टेंसिंग के लिए परिसरों में मार्किंग की जाएगी। अस्पतालों को दवाइयां, स्वास्थ्य उपकरण और निष्किटित करने वाले स्प्रे उपलब्ध कराए जाएंगे। रायपुर स्थित बालको मेडिकल सेंटर में आइसोलेशन वार्ड स्थापित किया गया है। कोरबा में 100 बिस्तरों वाला अस्पताल संचालित है। राजस्थान के जोधपुर में वेदांता समूह ने अपने बड़े केयर्न सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को प्रशासन को सौंप दिया है ताकि उसे क्वारेंटाइन सेंटर में बदला जा सके। देश भर के ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले लगभग एक हफ्ते के दौरान एक लाख से अधिक मास्क, 15500 से अधिक साबुन तथा सैनिटाइजर्स वितरित किए गए हैं। कोरोना के प्रति सावधानी और उससे बचाव के लिए देश भर के 263 गांवों में सैनिटाइजेशन और जागरूकता अभियान संचालित किए गए हैं।
कोविड-19 महामारी से कर्मचारियों के बचाव के लिए अपोलो अस्पताल की मदद से 24 घंटे हफ्ते के सातों दिन स्वास्थ्य रक्षा हेल्पलाइन संचालित है। अपने सभी प्रचालन क्षेत्रों में वेदांता समूह ने अपने कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए संबंधित जिला प्रशासनों के मार्गदर्शन में रक्षात्मक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। अपने प्रचालन क्षेत्रों में स्थानीय नागरिकों की तत्कालिक मदद के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष के माध्यम से वेदांता समूह के कर्मचारी अपने एक दिन के वेतन का योगदान देंगे।
वेदांता समूह के चेयरमैन श्री अनिल अग्रवाल ने कहा है कि ‘‘ यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है भूख से किसी की जिंदगी खतरे में न आ जाए। शासन से मेरी यह अपील है कि वह पलायन करने वाले मजदूरों को कम से कम 8000 रुपए प्रतिमाह की मदद अगले तीन महीने तक करे। शासन ने आवश्यक उत्पादों के आवागमन को मंजूरी दी है। यह भी महत्वपूर्ण है कि ट्रक ड्राइवरों के लिए ढाबा और खाने के दूसरे स्टॉल हाइवे पर खुले रहें। इस दिशा में पहल के लिए हम किसी भी प्रकार के सहयोग के लिए तैयार हैं।’’ श्री अग्रवाल यह जोड़ते हैं कि ‘‘ छोटे एवं मझोले उपक्रमों के साथ ही महत्वपूर्ण उद्योग जो देश की अर्थव्यवस्था को सतत बनाए रखने में योगदान करते हैं, वे 25 फीसदी कार्यबल के साथ प्रचालन में रहें। यह इसलिए क्योंकि वे आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराते हैं तथा सतत प्रक्रिया श्रेणी के अंतर्गत प्रचालित किए जाते हैं एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के सुझाए सुरक्षा एवं हाइजीन के मानदंडों का पालन करते हैं।’’