भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार का खजाना भी कोरोनावायरस संक्रमण के कारण खाली रह गया है। सरकार को अपने लक्ष्य से 4500 करोड़ रुपए का कम राज्य से प्राप्त हुआ है। लाकडाउन के कारण कर्फ्यू जैसी स्थिति होने से, स्टांप शुल्क परिवहन आबकारी शुल्क एवं जीएसटी इत्यादि की आय कम होने से सरकार 4500 करोड़ रुपए के राजस्व को खजाने तक नहीं ला पाई।
मध्य प्रदेश सरकार ने इस साल 54888 करोड़ रुपए का पुनरीक्षित लक्ष्य निर्धारित किया था। मार्च माह के पहले 2 सप्ताह में 45 फ़ीसदी कम वसूली हुई वही 17 मार्च के बाद विशेषकर लॉक डाउन के बाद मध्य प्रदेश सरकार के राजस्व में काफी गिरावट आई। जिसके कारण पुनरीक्षित लक्ष्य भी सरकार प्राप्त नहीं कर पा रही हैं।
मार्च माह में स्टांप शुल्क के रूप में सरकारी खजाना हर साल भरता था। किंतु इस बार लक्ष्य से 1500 करोड़ रुपए पीछे रह गया है।
खर्चों के लिए कर्ज़ लेगी सरकार
इस वित्तीय वर्ष में मध्य प्रदेश सरकार 16200 करोड रुपए का कर्ज ले चुकी है। कोरोना संक्रमण के चलते लाकडाउन के कारण सभी विभाग अपने लक्ष्य से पीछे हैं। ऐसी स्थिति में सरकार को अपने खर्चों के लिए कर्ज लेना पड़ेगा। कोरोनावायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए जो लॉक डाउन घोषित किया गया है। उसके बाद प्रदेश की आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप्प हो गई हैं। प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है। वहीं कोरोनावायरस के संक्रमण से निपटने के लिए सरकार को अतिरिक्त खर्च करना पड़ रहा है। खजाने की स्थिति जिस तरीके से खाली है उसमें यदि जल्द ही कर्ज नहीं लिया गया, तो वेतन बांटना भी सरकार के लिए मुश्किल होगा।