नई दिल्ली। कोरोना के कहर से बचने के लिए लॉकडाउन की घोषणा के बाद एसिया के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र आदित्यपुर में 2 लाख स्थायी-अस्थायी तथा दिहाड़ी मजदूरों की छुट्टी कर दी है। बड़ी-मध्यम और सूक्ष्म मिलाकर लगभग 1500 इकाइयों में कामकाज पूर्ण रूप से ठप हो चुका है, वहीं जमशेदपुर स्थित टाटा मोर्ट्स व टिमकन के बंद होने के बाद प्रतिदिन दो से 250 करोड़ का कारोबार प्रभावित हो रहा है। वाहनों के कल-पुर्जों का उत्पादन भी पूरी तरह से बंद है। आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र स्थित आरएसबी ट्रांसमिशन, रामकृषणा फोर्जिंग, हाईवा इंडिया लिमिटेड, जेएमटी ऑटो लिमिटेड, सुदिशा ग्रुप ऑफ कंपनी समेत ब्लास्ट फर्नेस, इंडक्शन फर्नेस, फोर्जिंग कंपनियां व रबर व प्लास्टिक समेत सभी प्रकार के उत्पादन की कंपनियों को 31 तक के लिए पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है। विश्लेषकों की मानें तो इसका गंभीर असर होने वाला है। 31 मार्च तक इन कंपनियों को अनुमानित तौर पर कम-से-कम दो हजार करोड़ का नुकसान होगा।
एसिया अध्यक्ष इंदर अग्रवाल का कहना है कि आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की सभी कंपिनियों को मिलाकर 1 लाख स्थायी कर्मचारी हैं, जिन्हें छुट्टी के दौरान भी भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नो वर्क नो पेमेंट लागू नहीं रहेगा। सरकार की गाइडलाइन के तहत इन कर्मचारियों को भुगतान किया जाएगा। जिससे कि उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो।