जबलपुर। वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) ने पमरे के महाप्रबंधक को पत्र लिख कर मांग की है कि जब सभी यात्री गाडियां, स्टेशन आगामी 31 मार्च तक बंद कर दिये गये हैं, ऐसी स्थिति में सभी रेल कर्मचारियों को ड्यूटी पर नहीं बुलाया जाये। यूनियन के पत्र पर जीएम ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए, शीघ्र ही इस पर निर्णय लेने का कहा है।
जरूरत के अनुसार जोन में कर्मचारियों को बुलाने का अनुरोध
यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव व मंडल सचिव नवीन लिटोरिया ने बताया कि कोरोना वायरस से होने वाले संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये भारत सरकार, राज्य सरकार एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा हर प्रकार के हर संभव प्रयास किये जा रहे है, इस संबंध में रेलवे बोर्ड द्वारा भी 31 मार्च तक सभी प्रकार की यात्री गाडियों का संचालन निरस्त कर दिया गया है। ऐसी गंभीर स्थिति को देखते हुए यूनियन के महामंत्री कामरेड मुकेश गालब एवं मंडल सचिव कामरेड नवीन लिटोरिया द्वारा मुख्यालय रेल प्रशासन से बातचीत की गई है कि जब कोरोना संक्रमण के चलते यात्री गाडियों का रेल संचालन 31 मार्च तक पूर्णतः बंद कर दिया गया है तो ऐसी परिस्थिति में सभी रेल कर्मचारियों को ड्यूटी पर बुलाया जाना ठीक नहीं होगा, क्योंकि रेलवे कर्मचारियों के उनके कार्यस्थल पर इकठ्ठा होने से कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बना रहेगा। अतः यूनियन ने सभी कर्मचारियों को ड्यूटी पर ना बुलाकर, बल्कि जरूरत के अनुसार पूरे जोन में कर्मचारियों को ड्यूटी पर बुलाने का अनुरोध किया है।
कोरोना से संक्रमण का खतरा होगा कम
यूनीयन नेताओं ने कहा कि इससे रेल कर्मचारियों के कोरोना से संक्रमित होने का खतरा कम होगा। यूनियन ने रेल प्रशासन से मांग की है कि इस संबंध में रेल प्रशासन इस प्रकार ड्यूटी रोस्टर बनाए, जिसमें रेल कर्मचारियों की संख्या बहुत कम हो, अर्थात जरूरत के मुताबिक ही रेल कर्मचारियों को ड्यूटी पर बुलाया जाए। रेल प्रशासन ने इस संबंध में सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन यूनियन के महामंत्री कामरेड मुकेश गालब को दिया है।