बालाघाट । कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए बालाघाट जिले में 22 से 25 मार्च तक टोटल लाक डाउन घोषित कर दिया गया है। जिले में विदेश एवं देश के बड़े शहरों से आये लोगों पर निगरानी रखी जा रही है और संदिग्ध मरीजों को आईसोलेशन में रखकर उनके सेंपल जांच के लैब में भेजे जा रहे है। अब तक बालाघाट जिले में कोरोना संक्रमण का एक भी मरीज नहीं पाया गया है। इसके बाद भी पूरी सावधानी बरती जा रही है । इसी कड़ी में आज कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने जिले के सभी बीएमओ की बैठक लेकर उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक तिवारी, अपर कलेक्टर श्री राघवेन्द्र सिंह, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रजनी सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आर सी पनिका, सिविल सर्जन डॉ आर के मिश्रा, डॉ अजय जैन, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ परेश उपलप एवं सभी बीएमओ मौजूद थे।
बैठक में तय किया गया कि लोगों को अपने घरों में ही रहने के लिए कहा जाये और प्रयास किया जाये कि कोई भी व्यक्ति घर से बाहर न निकले। जिले के सभी अस्पतालों में ओपीडी बंद रखी जायेगी और केवल सर्दी खांसी बुखार के मरीजों की जांच की जायेगी और कोरोना संक्रमण के संभावित मरीजों को आईसोलेट किया जायेगा। जिले के प्रायवेट अस्पतालों में भी मरीजों की भीड़ न बढ़े इसके लिए उनकी ओपीडी को भी बंद करने का निर्णय लिया गया। जिले के सभी प्रायवेट चिकित्सकों को आन काल पर रहने के निर्देश दिये गये। जिले में नियमित रूप से बच्चों के होने वाले टीकाकरण को 15 दिनों के लिए स्थगित रखने का भी निर्णय लिया गया। 15 दिनों के बाद बच्चों का टीकाकरण पुन: प्रारंभ कर दिया जायेगा।
बैठक में जिले के सभी शासकीय अस्पतालों में कोरोना संभावित मरीजों के लिए एक आईसोलेशन कक्ष बनाने के निर्देश दिये गये। इन कक्ष में उन्हीं मरीजों को रखा जायेगा जिन्हें कोरोना के संभावित मरीज के रूप में चिन्हित किया जायेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में भी आशा कार्यकर्त्ता सर्दी-खांसी बुखार के मरीजों को देखेगी और आवश्यक होने पर डाक्टर को उस मरीज की जांच के लिए बुलायेगी। आशा कार्यकर्त्ता का मैसेजे प्राप्त होने पर डाक्टर दवाओं एवं जरूरी उपकरण के साथ उस मरीज के उपचार के लिए गांव में जायेंगें।
बैठक में बताया गया कि आशा कार्यकर्त्ता को अपने क्षेत्र में सतत कार्य करना है । जिला स्तरीय अधिकारी भी सतत ग्रामों का भ्रमण कर रहे है और उनके भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्त्ता गांव में मौजूद मिलना चाहिए। अन्यथा उसके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। अस्पतालों में अनावश्यक मरीजों की संख्या नहीं बढ़ने देना है। जो लोग विदेश से या नागपुर, हैदराबाद, बैंगलोर से जिले में आये है, उन्हें 15 दिनों के लिए अपने परिवार के अन्य सदस्यों से सम्पर्क व दूरी बनाये रखने के लिए कहा गया है।
जिले में कोरोना संक्रमण किसी भी तरह से न फैल सके इसके लिए यह सभी उपाय किये जा रहे है। अस्पतालों में अनावश्यक मरीजों की भीड़ न बढ़े इसके लिए ओपीडी को बंद रखने का निर्णय लिया गया है। जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रजनी सिंह ने बताया कि महिलाओं के समूह द्वारा 5 हजार मास्क बनाये जा रहे है और शीघ्र ही यह मास्क आशा कार्यकर्त्ताओं के साथ ही स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं तक पहुंचा दिये जायेंगें।