भोपाल। प्रदेश में मामा के रुप में पहचान बनाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर सीएम की कुर्सी संभाल सकते हैं। सबकुछ ठीक ठाक रहा तो आगामी 25 मार्च को प्रदेश के नए मुख्यमंत्री को शपथ दिलाई जा सकती है। पार्टी के जानकारों की माने तो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पर सहमति बन चुकी है और वह चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की कमान संभालेंगे। इससे पहले 24 मार्च की शाम या देर रात को भाजपा विधायक दल की औपचारिक बैठक में चौहान को नेता चुना जाएगा। इसके बाद वे राज्यपाल लालजी टंडन के समक्ष नई सरकार के गठन का दावा पेश करेंगे। पार्टी की तैयारी पहले सोमवार को ही विधायक दल की बैठक बुलाने की थी, लेकिन कोरोना वायरस के चलते जनता कर्फ्यू और लॉक डाउन के कारण इसे आगे बढ़ा दिया गया। पार्टी ने शिवराज को नेता बनाए जाने की औपचारिक घोषणा अभी नहीं की है, लेकिन उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक हाईकमान ने उन्हें कमान सौंपने का मन बना लिया है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि 25 मार्च को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में भी किसी तरह के ताम-झाम नहीं करने का फैसला पार्टी ने किया है। चुनिंदा लोगों की मौजूदगी में सादगी से शपथ दिलाई जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दो बार शिवराज सिंह चौहान से कोरोना के मुद्दे पर बातचीत की थी। इसमें उन्होंने चौहान को प्रशासन से संपर्क बनाए रखने के लिए भी कहा है। दूसरी वजह सिंधिया के समर्थन के कारण बन रही सरकार को चलाने में समन्वय का मुद्दा महत्वपूर्ण रहेगा, इसलिए चौहान के अनुभव का पार्टी को लाभ मिलेगा। यहां बता दें कि लंबी जददोजहद के बाद पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस सरकार के अल्पमत में आने के बाद कमल नाथ ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से ही भाजपा में नए मुख्यमंत्री पद के दावेदारों को लेकर मंथन चल रहा था। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा कर मामले को सुलझा लेने का दावा किया जा रहा है।