भोपाल। मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार बचेगी या वहां बीजेपी का कमल खिलेगा, इसका फैसला आज शाम 5 बजे तक हो जाएगा। विधानसभा का विशेष सत्र 20 मार्च को दोपहर दो बजे बुलाया गया है। लेकिन इससे पहले कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक टीवी न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद कमलनाथ सरकार के पास नंबर नहीं है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि पैसे और सत्ता के दम पर बहुमत वाली सरकार को अल्पमत में लाया गया है। दिग्विजय ने कहा कि यह मुख्यमंत्री पर निर्भर करता है कि वे इस्तीफा देते हैं या फ्लोर टेस्ट में जाते हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को अपना बहुमत साबित करने के लिए शुक्रवार को विधानसभा में शाम पांच बजे तक का समय दिया है। मध्यप्रदेश की सियासत बीते 10 दिन में कई करवट ले चुकी है। ताजा घटनाक्रम में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज दोपहर 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। राज्य के सियासी गलियारों से खबर है कि वह बहुमत परीक्षण से पहले ही इस्तीफा दे सकते हैं। इसके साथ ही कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक कांग्रेस के सभी बागी 16 विधायकों के इस्तीफे भी मंजूर हो चुके हैं।
16 बागी विधायकों का इस्तीफा मंजूर
मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने बृहस्पतिवार देर रात कांग्रेस के 16 बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर कर लिए। इन सभी विधायकों ने छह अन्य विधायकों के साथ 10 मार्च को अपना इस्तीफा दिया था लेकिन प्रजापति ने इनके इस्तीफों पर कोई फैसला नहीं लिया था। हालांकि उन्होंने छह अन्य के इस्तीफे मंजूर कर लिए थे। ये सभी 16 विधायक अभी बेंगलुरु में ठहरे हुए हैं।
छलका स्पीकर का दर्द
कांग्रेस के बागी 16 विधायकों के इस्तीफे मंजूर करने के बाद विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति का दर्द छलक गया है। स्पीकर एनपी प्रजापति ने कहा कि वे दुखी हैं। कहा कि और उन्होंने भारी मन से ये इस्तीफे इसलिए स्वीकार किए क्योंकि बागी विधायक मेरे खिलाफ ही कोर्ट में खड़े हो गए... ये लोकतंत्र की विडंबना है।
कांग्रेस-भाजपा ने जारी किया व्हिप
मध्यप्रदेश कांग्रेस विधायक दल ने अपने सभी विधायकों को व्हिप जारी किया। इसमें कहा गया है कि वे सभी 20 मार्च को विधानसभा में मौजूद रहें और बहुमत परीक्षण के दौरान कमलनाथ सरकार के पक्ष में मतदान करें। वहीं दूसरी ओर, भाजपा ने भी अपने विधायकों को व्हिप जारी कर कमलनाथ सरकार के खिलाफ मतदान करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट का यह है निर्देश
सुप्रीम कोर्ट
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत अन्य भाजपा विधायकों की कमलनाथ सरकार के बहुमत परीक्षण की मांग वाली याचिकाओं पर दो दिन से सुनवाई कर रही थी। पीठ ने विधानसभा के स्पीकर को विशेष सत्र बुलाने और राज्य सरकार को सदन में अपना बहुमत साबित करने का निर्देश दिया। पीठ ने विधायकों से अपना हाथ उठाकर मत प्रकट करने का निर्देश दिया। विधानसभा की पूरी कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग का भी आदेश दिया गया है। पीठ ने यह भी साफ किया, विधानसभा सत्र बुलाने का एकमात्र एजेंडा बहुमत परीक्षण कराना होगा। संबंधित अथॉरिटी यह सुनिश्चित करेगी कि बहुमत परीक्षण के दौरान सदन में कानून व्यवस्था कायम रहे। इसके अलावा पीठ ने यह भी कहा कि अगर 16 बागी विधायक विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होना चाहते हैं तो कर्नाटक व मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक उन्हें सुरक्षा मुहैया कराए। पीठ ने कहा कि वह बागी विधायकों को यह आदेश नहीं दे सकती कि वे विधानसभा की कार्यवाही में शामिल हो या नहीं। यह उन विधायकों की इच्छा पर निर्भर करता है।
विधानसभा की स्थिति
कुल सदस्य 222
बहुमत के लिए 112
कांग्रेस 92
बागी 22
भाजपा 107