नई दिल्ली। 4 दुष्कर्मियों को फांसी के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने बेटी की तस्वीर को गले से लगाकर कहा, आज तुम्हें इंसाफ मिल गया। आज का सूरज बेटी निर्भया के नाम है, देश की बेटियों के नाम है। बेटी जिंदा रहती तो मैं डॉक्टर की मां कहलाती। आज निर्भया की मां के नाम से जानी जा रही हूं। 7 साल की लंबी लड़ाई के बाद अब बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी। महिलाएं अब सुरक्षित महसूस करेंगी। हम सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करेंगे कि वह गाइडलाइन जारी करे ताकि ऐसे मामलों में दोषी सजा से बचने के हथकंडे न आजमा सकें। उन्होंने कहा कि आखिरकार उन्हें फांसी पर लटकाया गया। आज हमें न्याय मिला। आज का दिन देश की बेटियों के नाम है। मैं सरकार और न्यायपालिका का शुक्रिया अदा करती हूं। मैंने बेटी की तस्वीर को गले से लगाकर कहा कि आज तुम्हें इंसाफ मिल गया। बेटी जिंदा रहती तो डॉक्टर की मां कहलाती। आज निर्भया की मां के नाम से जानी जा रही हूं।
रात 2.30 बजे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की अपील
निर्भया के गुनहगार फांसी से बचने के लिए रोज नए-नए पैंतरे का इस्तेमाल कर रहे थे। तीन डेथ वॉरंट खत्म हो गए। फांसी दिए जाने के कुछ घंटे पहले तक दोषियों के वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी। इस पर रात गुरुवार रात 2.30 बजे सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने मामला खारिज कर दिया। इसके बाद फांसी दिए जाने का रास्ता साफ हो गया था।
रोना, माफी मांगना और जमीन पर लेटना कुछ भी काम नहीं आया; निर्भया के गुनहगारों को फंदे पर लटकाया गया- सवा सात पहले दिल्ली की सड़कों पर निर्भया के साथ दरिंदगी करने वाले चारों दोषियों विनय, अक्षय, मुकेश और पवन गुप्ता को दिल्ली की तिहाड़ जेल में आज यानी शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे एक साथ फांसी के फंदे पर लटकाया गया और अब इनके शवों को पोस्टमार्टम के लिए दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल ले जाया गया है। फांसी के आधे घंटे बाद चारों की मौत की पुष्टि की गई और 6 बजकर 20 मिनट पर शवों को फंदे से उतारा गया। दूसरी तरफ, निर्भया के माता-पिता ने कहा कि अंतत: हमारी बेटी को इंसाफ मिला। उन्होंने न्यायपालिका, सरकार और राष्ट्रपति को धन्यवाद किया।
जेल सूत्रों के मुताबिक, निर्भया के गुनहगारों ने गुरुवार की रात बेचैनी में गुजारी और उन्हें रातभर नींद नहीं आई। फांसी देने से पहले तिहाड़ जेल के अधिकारी तड़के चार बजे के करीब चारों की सेल में पहुंचे और जरूरी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद इनसे नहाने व कपड़े बदलने के लिए कहा। दोषी विनय ने कपड़े बदलने से इनकार कर दिया और रोते हुए माफी मांगने लगा। सेल से बाहर लाने से पहले इन चारों को सफेद कुर्ता-पजामा पहनाया गया।