नई दिल्ली । देश की सर्वोच्च अदालत ने निर्भया गैंगरेप के गुनहगार पवन गुप्ता की क्यूरेटिव पिटिशन खारिज कर दी है। कोर्ट ने वारदात के वक्त पवन के नाबालिग होने की दलील को ठुकरा दिया है। इसके साथ ही पवन का आखिरी दांव फी फेल हो गया है। आज चारों दोषियों को फांसी की सजा होनी है। पवन की ओर से मंगलवार को फिर सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की गई थी। पवन की ओर से कहा गया है कि वह घटना के वक्त नाबालिग था, ऐसे में उसकी फांसी की सजा खारिज की जाए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में उसकी नाबालिग होने की दलील पहले ही खारिज हो चुकी है। इस बाबत रिव्यू भी दाखिल की थी जो खारिज हो चुकी है। जस्टिस एनवी रमण के नेतृत्व में 6 जजों की एक पीठ ने उसकी याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह कोई मामला नहीं बनता। पीठ ने कहा, 'मौखिक सुनवाई का अनुरोध खारिज किया जाता है। हमने क्यूरेटिव पिटिशन और संबंधित दस्तावेजों पर गौर किया। हमारे अनुसार यह कोई मामला नहीं बनता...इसलिए हम पिटिशन को खारिज करते हैं।' बेंच में जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस आरएस बोपन्ना भी शामिल थे। 5 मार्च को एक निचली अदालत ने मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को फांसी देने के लिए नया डेथ वॉरंट जारी किया था। चारों दोषियों को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी जाएगी। सभी दोषी अपने सभी कानूनी और संवैधानिक विकल्पों का इस्तेमाल कर चुके है और उनके बचने के लगभग सभी रास्ते बंद हो चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर झटका लगने के बाद पवन के वकील एपी सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट में सब काम बंद है, लेकिन यह नहीं हो रहा है कि फांसी की सजा पर रोक लगाई जाए। यह बहुत दुखद बात है। यह सब प्रेशर में हो रहा है। यह जो कुछ भी फैसला है, इसे हम आगे देखेंगे। उधर, निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि आज की डेट में उनकी कोई याचिका बाकी नहीं है। यह फांसी को टालने की कोशिश है। हमारी अदालतों को ही इनकी हकीकत पता चल गई है। कल 5:30 बजे ये अब फांसी पर लटकेंगे।
एपी सिंह ने अटपटे अंदाज में निर्भया के दोषियों की फांसी को कोरोना वायरस संक्रमण से जोड़ दिया। उन्होंने कहा, 'प्रकृति कह रही है कि अगर रस्सी खरीदेंगे फांसी चढ़ाने के लिए तो मास्क बढ़ाने पड़ेंगे। एक दिन ऐसा होगा कि मास्क से भी इलाज नहीं होगा। इसलिए मैं कह रहा हूं कि प्रकृति को मानो। ऐसा मत करो। साढ़े 16 साल के बच्चे को फांसी मत दो। अन्याय हो रहा है। दबाव में हो रहा है। मीडिया का प्रेशर है। पॉलिटिकल प्रेशर है। कोई आतंकी तो हैं नहीं। आदतन अपराधी तो हैं नहीं। यह सबसे बड़ी बात है। इसको ध्यान में रखा जाना चाहिए।' वहीं उम्मीद की जा रही है कि आज शुक्रवार को निर्भया को इंसाफ मिलेगा और जरूर मिलेगा।