बिलासपुर । अखण्ड धरना के 123वें दिन चिंगराजपारा वार्डवासी बिलासपुर के पदाधिकारी व सदस्य धरने पर बैठे। पारा के वक्ताओं ने कहा कि 19 वर्श राज्य निर्माण के हो चुके है परन्तु तीन करोड की आबादी वाले इस राज्य में केवल एक व्यवसायिक एयरपोर्ट है, इसके लिए उन्होंने सडक के आंदोलन के साथ-साथ सभी लोगों केा ट्वीटर और फेसबुक के माध्यम से बिलासपुर एयरपोर्ट की मांग को जोर-षोर से उठाने का आव्हान किया एवं आंदोलन को तन-मन-धन से सहयोग करने की बात कही और यह भी कहा कि बिलासपुर अपने पुराने स्वरूप मेें आ चुका है, जो अब यह आंदोलन बिलासपुर में उच्च स्तरीय हवाई अड्डा बनने पर ही षांत होगा।
सभा केा संबोधित करते हुये चिंगराजपारावासियों में से पार्शद रामप्रकाष साहू व पार्शद प्रतिनिधी हितेष देवांगन ने कहा कि कई छात्र बाहर के राज्यों से आकर यहां पढ रहे है और रायपुर होकर फ्लाईट पकडने सें उतना ही समय लगता है जितना समय टेऊन से लगता है। बिलासपुर से फ्लाईट होने पर वे एक ही दिन में घर जाकर वापस आ सकते है, साथ ही इन्टरव्यू वगैरह के लिए भी आना-जाना आसान हो जायेगा। हमें कई अच्छे प्रोफेसर भी आकर विजिटिंग क्लास ले सकेगे। चिंगराजपारा के ही षैलेश देवांगन व रवि सरकार ने कहा कि बिलासपुर में पिछले 100 साल से रेल्वे और कोल इंडिया हजारों करोड रूपये की आय अर्जित कर केन्द्र सरकार व राज्य सरकार को दे चुके है, लेकिन जब भी बिलासपुर की आधारभूत आवष्यकता को पूरी करने की बात आती है तो सरकारे पूरी तरह से नावाकिफ हो जाती है, ये तो सरासर बिलासपुर के साथ अन्याय है। मांग के समर्थन में हरिराम वर्मा व सुषील साहू ने बिलासपुर से चलने वाले1988 के वायुदूत हवाई सेवा को याद करते हुये कहा कि अगर वायु सुविधा बिलासपुर को जारी रहती तो आज हमारा एयरपोर्ट रायपुर की टक्कर का एयरपोर्ट होता। उन्होंने जन संघर्श के माध्यम से पुन: बिलासपुर के लिए सम्मान और विकास हासिल करने की बात कही।
समिति के वरिश्ठ सदस्य महेष दुबे-टाटा महराज ने भी अपनी आवाज बुलंद करते हुये कहा कि हमारी सरकारों को षिक्षा, व्यापार व संसाधन किसी भी क्षेत्र में राजधानी से कुछ भी कमतर नही चाहिए लेकिन जहां राजधानी की सभी जरूरते बिना बोले समय से पहले ही पूरी कर दी जाती है वही जब बिलासपुर की बात आती है तो सिरे से नकार दिया जाता हैं, जिसके उपरान्त आंदोलन के सिवाय कोई रास्ता ही नहीं बचता। ये कहां तक न्यायसंगत है? यदि हमारे यहां के छात्र षिक्षा के लिए बाहर जाना चाहते है तो हवाई सुविधा के अभाव के कारण उन्हे अधिक धन व समय देना पडता है, जिस कारण पूर्व में ही ऐसा विचार अपने मन से निकाल देते है।